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________________ Jain Education International क्रम संवत् For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org ११६. १५२७ ११७. १५२६ ११८. १५२६ ११६. १५३१ १२०. १५३१ १२१.१५३१. १२२.१५३१ तिथि/मिति. ज्येष्ठ सुदि ५ मंगलवार माघ सुदि ५ रविवार वैशाख सुदि ३ शनिवार " मितिविहीन आचार्य या मुनि का नाम पद्माणंदसूरि के संतानीय विजय प्रभसूरि के पट्टधर हेमरत्नसूरि कमलप्रभसूरि के पट्टधर हेमरत्नसूरि' प्रतिमा का सोमरत्नसूरि लेख का स्वरूप कुंथुनाथ की पंचतीर्थी प्रतिमा का लेख पद्मचन्द्रसूरि चन्द्रप्रभ की धातु नेमिनाथ की प्रतिमा का लेख कमलचन्द्रसूरि के सुमतिनाथ की धातुपट्टधर हेमरत्नसूरि प्रतिमा का लेख वासुपूज्य की धातु प्रतिमा का लेख शीतलनाथ की धातुप्रतिमा का लेख प्रतिष्ठा स्थान माणिकसागर जी का मन्दिर, कोटा पद्मप्रभ जिनालय, साणंद नौलखा पार्श्वनाथ जिनालय, पाली आदिनाथ जिनालय, माणेक चौक, खंभात संदर्भग्रन्थ शांतिनाथ जिनालय चौकसी पोल, खंभात विनयसागर, पूर्वोक्त, लेखांक ६९६ बुद्धिसागर, पूर्वोक्त, भाग १, लेखांक ६२६ सीमंधर स्वामी का मुनि बुद्धिसागर, पूर्वोक्त, मन्दिर, खारवाडो, खंभात भाग २ लेखांक १०७१ वहीं, भाग २, लेखांक १००२ नाहर, पूर्वोक्त, भाग १, लेखांक ८१६ वही, भाग २, लेखांक ८३१ सुमतिनाथमुख्य बावन- वही, भाग २, लेखांक ५११ जिनालय, मातर नागेन्द्रगच्छ का इतिहास : ४७
SR No.525023
Book TitleSramana 1995 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1995
Total Pages104
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size5 MB
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