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प्रधान सम्पादक प्रो० सागरमल जैन
सम्पादक डॉ० अशोक कुमार सिंह
सह-सम्पादक डॉ० शिवप्रसाद
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वर्ष ४६
जनवरी-मार्च, १९९५
अंक १-३
प्रस्तुत अङ्क में प्रो० सागरमल जैन के निम्न आलेख प्रकाशित किये जा रहे है :
- ४५ ४६ - ५८
५९ - ६८
१. अर्धमागधी आगम साहित्य २. प्राचीन जैन आगमों में चार्वाक दर्शन का प्रस्तुतीकरण
एवं समीक्षा ३. महावीर के समकालीन विभिन्न आत्मवाद एवं उसमें
जैन आत्मवाद का वैशिष्ट्य ४. सकारात्मक अहिंसा की भूमिका ५. तीर्थकर और ईश्वर के सम्प्रत्ययों का तुलनात्मक
विवेचन ६. जैन जगत्
-- ८६
- ९२
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एक प्रति दस रुपये
यह आवश्यक नहीं कि लेखक के विचारों से सम्पादक अथवा संस्थान सहमत हों।
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