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________________ कमलप्रभसूरि | विजयचन्द्रसूरि 63.| 1525 | माघ वदि 6 Jain Education International जैनसत्यप्रकाश, वर्ष 20, अंक 2, पृ. 48 सुमतिनाथ जिनालय, विनयसागर, पूर्वोक्त, जयपुर लेखांक 672 64.1 1527 | वैशाख सुदि 3 सोमवार | नयचन्द्रसूरि शीतलनाथ की पंचतीर्थी प्रतिमा का लेख शीतलनाथ की प्रतिमा का लेख कुंथुनाथ | की प्रतिमा | का लेख आदिनाथजिनालय, नाहर, पूर्वोक्त, नागौर भाग 2, लेखांक 1276 65.1 1532 रविवार नाहटा, पूर्वोक्त लेखांक 1073 For Private & Personal Use Only चक्रेश्वरसरि के संतानीय कमलप्रभसरि के शिष्य...? वरिभद्रसूरि के शिष्य नयचन्द्रसूरि । 66.1 1535 | माघ वदि 5 मंगलवार 67.| 1535 । | नमिनाथ चन्द्रप्रभजिनालय, | विनयसागर, पूर्वोक्त, की पंचतीर्थी केंकड़ी | लेखांक 788 प्रतिमा का लेख शांतिनाथ पार्श्वनाथजिनालय, | वही, लेखांक 789 की पंचतीर्थी सांथा प्रतिमा का लेख संभवनाथ सेठ थीस्शाह का | नाहर, पूर्वोक्त, की प्रतिमा का लेख देरासर, जैसलमेर भाग 3. लेखांक 2456 पद्मप्रभ पद्मप्रभजिनालय, | विनयसागर, पूर्वोक्त, की पंचतीर्थी । घाट, जयपुर । लेखांक 831 68. 1542 फाल्गुन वदि 2 शनिवार www.jainelibrary.org 69. 1542
SR No.525019
Book TitleSramana 1994 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1994
Total Pages78
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size4 MB
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