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________________ रामचन्द्रसूरि और उनका साहित्य सन्दर्भ 1. आ. विश्वेश्वर, हिन्दी नाट्यदर्पण, भूमिका, पृ. 8। प्रो. जे.एच. दबे, कौमुदीमित्राणन्द, भूमिका, पृ. 6। 2. नलविलास, पृ. 1, रघुविलास, पृ. 2, सत्यहरिश्चन्द, पृ. 2, प्रबन्धकोश, पृ. 98 3. पुरातनप्रबन्धसंग्रह, पृ. 49 4. रघुक्लिास 1/2, नाट्यदर्पण, अवतरणिका, श्लोक 9 5. नाट्यदर्पण, अव., श्लोक 2,4 6. रघुविलास, 1/3, कौमुदी, पृ. 1 7. प्रभावकचरित, 22/129-133 8. वही, 22/129-37 9. उपदेशतरंगिणी, पृ. 62 10. प्रबन्धचिन्तामणि, पृ. 63 11. वही, पृ. 64 12. वही, पृ. 89/कुमार - नलविलास, प्रस्तावना, पृ. 30-31 पर उद्धृत 13. कुमारपालचरित, दशम सर्ग 14. प्रभावकचरित, 22/137-39 15. प्रबन्धचिन्तामणि, पृ. 64 16. हेमचन्द्राचार्य जीवन चरित्र (हिन्दी), पृ. 32 17. हिस्ट्री आफ क्लासिकल संस्कृत लिटरेचर, पृ. 643-44 18. हेमचन्द्राचार्य का शिष्यमण्डल, पृ. 13 19. प्रबन्धचिन्तामणि, पृ. 97 20. प्रबन्धकोश, पृ. 98, कुमारपालचरित, 10/107-14, कुमारपालप्रबन्ध (भावनगर), पृ. 113 21. पुरातनप्रबन्धसंग्रह, पृ. 49 22. संस्कृत काव्यशास्त्र का इतिहास (हिन्दी), पृ. 521 23. दि नाट्यदर्पण आफ रामचन्द्र गुणचन्द्र :ए क्रिटिकल स्टडी पृ. 219 24. संस्कृत साहित्य का इतिहास, भाग 1, पृ. 574 25. जैन साहित्य का बृहद् हतिहास, भाग 6, पृ.574, हेमचन्द्राचार्य का शिष्यमण्डल, पृ. 5, रघुविलास, भूमिका, पृ. 6 26. द्रष्टव्य, नलविलास, प्रस्तावना, पृ. 35 27. नलविलास 1/3, कौमुदी. 1/3 28. नाट्यदर्पण 1/5 की वृत्ति 29. वही, 3/28 की वृत्ति 30. दशरूपक (श्रीनिवास ), भूमिका, पृ. 8 , Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525019
Book TitleSramana 1994 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1994
Total Pages78
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size4 MB
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