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________________ प्रकीर्णक साहित्य : अध्ययन एवं समीक्षा संगोष्ठी उदयपुर आगम, अहिंसा, समता एवं प्राकृत संस्थान, उदयपुर द्वारा आयोजित "प्रकीर्णक साहित्य : अध्ययन एवं समीक्षा विषयक संगोष्ठी " 2-3 अप्रैल, 1994 को सम्पन्न हुई । संगोष्ठी का उद्घाटन 2 अप्रैल 1994 को जवाहर जैन सीनियर सेकेण्डरी स्कूल के सभागार में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. के. राय ने दीप प्रज्वलित कर किया। मुख्य अतिथि प्रो. कमलचन्द सोगानी, जयपुर थे । आगन्तुकों का स्वागत संस्थान के महामन्त्री श्री सरदारमल जी कांकरिया ने किया। इस अवसर पर संस्थान के शोधाधिकारी डॉ. सुरेश सिसोदिया की पुस्तक " जैनधर्म के सम्प्रदाय" का प्रो. राय ने लोकार्पण किया । समारोह का संचालन डॉ. सुरेश सिसोदिया ने किया । संगोष्ठी में प्रो. सागरमल जैन (वाराणसी), प्रो. के. सी. सोगानी (जयपुर), डॉ. के. आर. चन्द्रा ( अहमदाबाद), डॉ. प्रेमसुमन जैन (उदयपुर), डॉ. सुषमा संघवी (उदयपुर), श्री जौहरमल जी पारिख (जोधपुर), डॉ. अशोक कुमार सिंह (वाराणसी), डॉ. सुभाष कोठारी (उदयपुर), डॉ. सुरेश सिसोदिया (उदयपुर), डॉ. हुकुमचन्द जैन (उदयपुर), डॉ. धर्मचन्द जैन (जोधपुर) एवं डॉ. श्रीप्रकाश पाण्डेय ( अहमदाबाद ) ने प्रकीर्णक के विभिन्न पक्षों पर अपने शोध प्रस्तुत किये। समापन समारोह के अवसर पर संस्थान के परामर्शदाता प्रो. सोगानी, मानद निदेशक प्रो. सागरमल जैन, मुख्य अतिथि श्री शिवकिशोर सनाढ्य एवं अध्यक्ष श्री पी. एस. मुर्डिया ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संयोजन संस्थान की सह- निदेशिका डॉ. सुषमा संघवी ने किया। संस्थान के महामन्त्री श्री सरदारमल जी कांकरिया ने यह सूचित किया कि इस संगोष्ठी का सम्पूर्ण अर्थभार कलकत्ता निवासी श्री सुरेन्द्र कुमार जी बाँठिया ने वहन किया । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525017
Book TitleSramana 1994 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1994
Total Pages136
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size7 MB
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