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__ से सम्बन्धित लेख प्रकाशित हैं। सभी लेख उच्चकोटि के विद्रनों की कलम से प्रसूत हैं और जैन विद्या के विविध पक्षों पर प्रकाश डालते हैं।
यह ग्रन्थ पण्डित मक्खनलाल जी शास्त्री के व्यक्तित्व एव कृतित्व को पूरी गरिमा के साथ उद्घाटित करता है। ग्रन्थ में उनके जीवन के विविध पहलुओं को दर्शन वाले छायाचित्र भी दिये गये हैं। ग्रन्थ संग्रहणीय और पठनीय है। इस हेतु आयोजकगण, सम्पादक मण्डल और प्रकाशन संस्था धन्यवाद के पात्र हैं।
शोक समाचार श्री सोहित बरार का दुःखद निधन
बम्बई अ.भा.श्वे.स्था. जैन कान्फ्रेत एवं पूज्य सोहन लाल स्मारक पार्श्वनाय शोधपीठ, वाराणसी के उपाध्यक्ष श्री नृपराज जी जैन के छोटे भाई श्री रतनसागर जैन के एक मात्र सुपुत्र श्री रोहित बरार का १६ अप्रैल को मात्र २७ वर्ष की आयु में आकस्मिक रूप से दुःखद निधन हो गया। स्व. सेहित होनहार, हंसमुख, सेवाभावी व्यक्ति थे। तीन वर्ष पूर्व ही आपका विवाह हुआ था।
अन्तिम यात्रा में बम्बई, दिल्ली, जम्मू, अमृतसर, चंडीगढ़, सूरत, फरीदाबाद, लुधियाना आदि शहरों के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित हुए। १६ अप्रैल को अहिंसा भवन, खार में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। स्व. रोहित की स्मृति में प्रतिवर्ष २५ हजार रुपयों का एक विशेष पुरस्कार प्रदान करने हेतु श्रीमती धनदेवी शादीलाल चेरिटेबल ट्रस्ट की घोषणा की गयी।
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