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________________ तालिका 1 : प्रशस्तियों के आधार पर निर्मित पूर्णिमापक्ष के आचार्यो की गुरु-परम्परा Jain Education International सर्वदेवसूरि विजयसिंहसूरि चन्द्रप्रभसूरि । पूर्णिमा पक्ष के प्रवर्तक । वि.सं. 1159/ई. सन् 1102] समन्तभद्र देवसूरि For Private & Personal Use Only समुद्रघोषसरि यशोघोषसूरि भद्रेश्वरसूरि तिलकप्रभसूरि मानरलसरि हेमप्रभसरि प्रश्नोत्तररलमा -वि.सं. 1243 (वि.सं. 1225 में अममस्वामिनार काव्य के कर्ता] वीरप्रभसूरि __सर्वदेवसूरि चक्रेश्वरसूरि विमलगणि [वि.सं.1181 में दूशनशुद्धिवृत्ति कू रचनाकार त्रिदशप्रभसूरि देवभद्रसरि (दर्शनशद्धिबह वि.सं.1224 तिलकाचार्य जिनदत्तसूरि वि.सं. 1261 में प्रत्येक बुद्धचरित] अनेक ग्रन्यों के रचनाकार धर्मप्रभसूरि शांतिभद्रसूरि अभयप्रभसूरि भुवनतिलकसूरि रत्नप्रभसूरि रत्नप्रभसूरि कमलप्रभसरि हेमतिलकसूरि [वि.सं.1372 में पण्डकिचरित के हेमरलसरि रचनाकार अजीतप्रभसरि [वि.सं.1307 शांतिनाथचरित] www.jainelibrary.org सोमप्रभसूरि रत्नप्रभसूरि चन्द्रसिंहसूरि देवसिंहसूरि पद्मतिलकसूरि
SR No.525011
Book TitleSramana 1992 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1992
Total Pages82
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size4 MB
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