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________________ श्रमण, अप्रैल-जून, १९९१ ८४ बड़े से छोटा करूंगा' । आचारांग हमें बताता है कि जो मुनि तीन वस्त्रों से युक्त है, वह चौथे वस्त्र की कामना न करे। आचारांग में वस्त्रों को रंगने एवं उनको धोने का निषेध करते हुए परिमाण में अल्प एवं थोड़े मूल्य वाले वस्त्र रखने का उपदेश किया गया है। तीन वस्त्रों से अचेलत्व तक की साधना की विकास यात्रा में तीन से दो, दो से एक वस्त्र एवं बाद में एक वस्त्र का भी परित्याग कर अचेलक बनने का निर्देश किया गया है। वस्त्र के परित्याग से लाघवता होती है एवं लाघवता ही अनासक्ति है। वस्त्राभाव से होने वाले परीषहों के समभाव पूर्वक सहन करने से साधक तपसम्मुख होता है। शरीर में अनासक्ति :___ मानव शरीर युवाकाल तक सारे भोगों को भोगने में समर्थ होता है परन्तु जर्जर या वृद्ध होने पर, तृष्णा की पूर्ति न होने से दुःख एवं संक्लेश का अनुभव करता है। वृद्धावस्था के आते ही शरीर में झुर्रियां पड़ जाती हैं, पैर लड़खड़ाने लगते हैं, दाँत गिर जाते हैं, दृष्टि कमजोर पड़ जाती है एवं रूप सौन्दर्य का स्थान कुरूपता ले लेती है। भर्तृहरि ने अपने वैराग्य शतक में वृद्धत्व के इस रूप को एवं जराग्रस्त जीर्ण-शीर्ण शरीर को धिक्कारा है । आचारांग शरीर में ममत्व न रखने का उपदेश दिया गया है-यह शरीर ऊपर से देखने पर जितना सुन्दर है उतना ही अन्दर से विकृतियुक्त है। शरीर के नव द्वारों से सदा मल निस्रवण होता रहता है। शरीर को अशुचिमय समझकर महावीर स्वामी रोगादिग्रस्त होने पर उपचार भी नहीं करते थे। क्योंकि १. परिजुण्णे में वत्थे. वत्थं जाइस्सामि. सूइं जाइस्सामि 'डक्कसिस्सामि बुक्कसिस्सामि । अहियालियं । आचारांगसूत्र- १।६।३।१८२ २. वही १।८।८।२०८ ३. गावं. संकुचितं गतिविगविता दन्ताश्च नाशंगताः । दृष्टिभ्रश्यन्ति रूपमेव हसते वक्त्रं च लालायते ॥ वाक्यं नैव करोति बान्धवजतः पत्नि न सुश्रयते । धिक्कष्टं जर यामि भूतपुरुषं पुत्रोप्यवज्ञायते ।। भर्तृहरि शतक त्रय, वैराग्य शतकाधिक श्लोक- २५. सिंघी जैन शास्त्र शिक्षापीठ, भारतीय विद्याभवन बम्बई से प्रकाशित-वि० सं० २०१५ ४. आचारांग सूत्र-१।९।४।२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525006
Book TitleSramana 1991 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1991
Total Pages114
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size5 MB
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