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जैनविद्या - 22-23 1. जैनधर्म का प्राचीन इतिहास, भाग-2, पृष्ठ 410 2. जैनधर्म का प्राचीन इतिहास, भाग-2, पृष्ठ 409 3. जैनधर्म का प्राचीन इतिहास, भाग-2, पृष्ठ 410 4. परवार जैन समाज का इतिहास, पृष्ठ 25 5. जैनधर्म का प्राचीन इतिहास, भाग-2, पृष्ठ 412 6. जैनधर्म का प्राचीन इतिहास, भाग-2, पृष्ठ 410 7. तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परम्परा, भाग-4, पृष्ठ 50
जैनधर्म का प्राचीन इतिहास, भाग-2, पृष्ठ 405-406 8. तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परम्परा, भाग-4, पृष्ठ 42 9. जैनधर्म का प्राचीन इतिहास, भाग-2, पृष्ठ 408 10. जैनेन्द्र सिद्धान्त कोष, भाग-1, पृष्ठ 351-352 (प्रथम संस्करण) 11. धर्मामृत-अनगार, प्रथम अध्याय, श्लोक 114 12. धर्मामृत-अनगार, द्वितीय अध्याय, श्लोक 96, 97 13. धर्मामृत-अनगार, तृतीय अध्याय, श्लोक 16 एवं 19 14. धर्मामृत-अनगार, तृतीय अध्याय, श्लोक 23 15. धर्मामृत-अनगार, चतुर्थ अध्याय, श्लोक 180, 182 16. धर्मामृत-अनगार, पंचम अध्याय, श्लोक 67 17. धर्मामृत-अनगार, पंचम अध्याय, श्लोक 69 18. धर्मामृत-अनगार, नवम अध्याय, श्लोक 26 19. धर्मामृत-सागार, प्रथम अध्याय, श्लोक 22 20. धर्मामृत-सागार, प्रथम अध्याय, श्लोक 39 21. धर्मामृत-सागार, तृतीय अध्याय, श्लोक 9, 12 22. धर्मामृत-सागार, पंचम अध्याय, श्लोक 55 23. धर्मामृत-सागार, अष्टम अध्याय, श्लोक 93 24. धर्मामृत-अनगार, प्रस्तावना, पृष्ठ 41 25. प्रतिष्ठा प्रदीप, पृष्ठ 221, संहितासूरी पं. श्री नाथूलालजी, इन्दौर 26. धर्मामृत-अनगार, प्रथम अध्याय, श्लोक 102।
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