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________________ जैनविद्या संस्थान, श्रीमहावीरजी महावीर पुरस्कार दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, श्रीमहावीरजी (राजस्थान) की प्रबन्धकारिणी कमेटी के निर्णयानुसार जैन साहित्य सजन एवं लेखन को प्रोत्साहन देने के लिए रु. 5,001/- (पांच हजार एक) का पुरस्कार प्रतिवर्ष देने की योजनायोजना के नियम1. जैनधर्म, दर्शन, इतिहास, संस्कृति सम्बन्धी किसी विषय पर किसी निश्चित अवधि में लिखी गई सृजनात्मक कृति पर 'महावीर पुरस्कार' दिया जायगा । अन्य संस्थानों द्वारा पहले से पुरस्कृत कृति पर यह पुरस्कार नहीं दिया जायगा। पुरस्कार हेतु प्रकाशित/अप्रकाशित दोनों प्रकार की कृतियां प्रस्तुत की जा सकती हैं। यदि कृति प्रकाशित हो तो यह पुरस्कार की घोषणा की तिथि के 3 वर्ष पूर्व तक ही प्रकाशित होनी चाहिए। 3. पुरस्कार हेतु मूल्यांकन के लिए कृति की चार प्रतियां लेखक/प्रकाशक को संयोजक, जैनविद्या संस्थान समिति को प्रेषित करनी होगी । पुरस्कारार्थ प्राप्त प्रतियों पर स्वामित्व संस्थान का होगा । 4. अप्रकाशित कृति की प्रतियां स्पष्ट टंकण की हुई अथवा यदि हस्तलिखित हों तो वे स्पष्ट और सुवाच्य होनी चाहिए। पुरस्कार के लिए प्रेषित कृतियों का मूल्यांकन विशिष्ट विद्वानों/निर्णायकों के द्वारा कराया जायगा, जिनका मनोनय जैनविद्या संस्थान समिति द्वारा होगा। इन विद्वानों/निर्णायकों की सम्मति के आधार पर सर्वश्रेष्ठ कृति का चयन जैनविद्या संस्थान समिति द्वारा किया जायगा। 6. सर्वश्रेष्ठ कृति पर लेखक को पांच हजार एक रुपये का 'महावीर पुरस्कार' प्रशस्तिपत्र के साथ प्रदान किया जायगा । एक से अधिक लेखक होने पर पुरस्कार की राशि उनमें समानरूप से वितरित कर दी जायगी। 7. महावीर पुरस्कार के लिए चयनित अप्रकाशित कृति का प्रकाशन संस्थान के द्वारा कराया जा सकता है जिसके लिए आवश्यक शर्ते लेखक से तय की जायगी। 8. महावीर पुरस्कार के लिए घोषित अप्रकाशित कृति को लेखक द्वारा प्रकाशित करने| करवाने पर पुस्तक में पुरस्कार का आवश्यक उल्लेख साभार होना चाहिए । 9 यदि किसी वर्ष कोई भी कृति समिति द्वारा पुरस्कार योग्य नहीं पाई गई तो उस वर्ष का पुरस्कार निरस्त (रद्द) कर दिया जायगा। 10. उपर्युक्त नियमों में आवश्यक परिवर्तन/परिवर्द्धन/संशोधन करने का पूर्ण अधिकार संस्थान/प्रबन्धकारिणी कमेटी का होगा। संयोजक कार्यालय : ज्ञानचन्द्र खिन्दूका दिगम्बर जैन नसियां भट्टारकजी संयोजक सवाई रामसिंह रोड, जयपुर-302004 जनविद्या संस्थान समिति, श्रीमहावीरजी
SR No.524760
Book TitleJain Vidya 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPravinchandra Jain & Others
PublisherJain Vidya Samsthan
Publication Year1991
Total Pages114
LanguageSanskrit, Prakrit, Hindi
ClassificationMagazine, India_Jain Vidya, & India
File Size10 MB
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