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जैन विद्या
( शोध पत्रिका )
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3. रचनाएं जिस रूप में प्राप्त होगी उन्हें प्रायः उसी रूप में प्रकाशित किया जायगा । स्वभावतः तथ्यों की प्रमाणिकता आदि का उत्तरदायित्व रचना - कार का होगा ।
सूचनाए
पत्रिका सामान्यतः वर्ष में दो बार प्रकाशित होगी ।
पत्रिका में शोध - खोज, अध्ययन अनुसंधान सम्बन्धी मौलिक प्रकाशित रचनाओं को ही स्थान मिलेगा ।
यह आवश्यक नहीं कि प्रकाशक, सम्पादक लेखकों के अभिमत से सहमत हों ।
रचनाएं कागज के एक ओर कम से कम 3 सें. मी. का हाशिया छोड़कर सुवाच्य अक्षरों में लिखी अथवा टाइप की हुई होनी चाहिए ।
रचनाएं भेजने एवं अन्य सब प्रकार के पत्र व्यवहार के लिए पता -
सम्पादक
जैन विद्या
दिगम्बर जैन नसियां भट्टारकजी
सवाई रामसिंह रोड
जयपुर-302004