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________________ 72 महाकवि वीर गे. [श्रीमती] पुष्पलता जैन 84 12. एकत्वानुप्रेक्षा 13. जंबूसामिचरिउ की कथानकसृष्टि पौर हिन्दी काव्य-परम्परा 14. अन्यत्वानुप्रेक्षा 15. जंबूसामिचरिउ के नारी-पात्र 16. अशुचि अनुप्रेक्षा 17. जंबूसामिचरिउ के वैराग्य-प्रसंग 18. प्रास्रवानुप्रेक्षा महाकवि वीर श्री श्रीयांशकुमार सिंघई 85 96 महाकवि वीर सुभी प्रीति जैन महाकवि वीर 104 ग. कमलचन्न सोगाणी 105 117 19. जंबूसामिचरिउ के मंगल-प्रसंग एक व्याकरणिक विश्लेषण 20. जंबूस्वामीचरित विषयक जनसाहित्य 21. बुद्धिरसायण प्रोणमचरितु दोहड़ा 22. इस अंक के सहयोगी रचनाकार .. गे. कपूरचन्द जैन म. [श्रीमती] ज्योति जैन कवि नेमिप्रसाद अनु.-पं. भंवरलाल पोल्याका 129 147
SR No.524755
Book TitleJain Vidya 05 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPravinchandra Jain & Others
PublisherJain Vidya Samsthan
Publication Year1987
Total Pages158
LanguageSanskrit, Prakrit, Hindi
ClassificationMagazine, India_Jain Vidya, & India
File Size14 MB
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