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________________ जैनविद्या 127 4. जैन जगदीशचन्द्र, प्राकृत साहित्य का इतिहास, वाराणसी, पृ. 535। 5. शास्त्री नेमिचन्द्र, प्राकृत भाषा और साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास, वाराणसी 1966, पृष्ठ 341 । 6. वही, पृष्ठ 341 । 7. मिलाइये- काल करे सो आज कर, आज करे सो अब । पल में परले होयगी, बहुरि करेगा कब ।। 8. चौधरी गुलाबचन्द्र, जैन साहित्य का बृहद् इतिहास भाग 6, पृ. 67 । १. प्रेमी, जैन साहित्य और इतिहास, पृष्ठ 395-96 । 10. चौधरी गुलाबचन्द्र, जैन साहित्य का बृहद् इतिहास भाग 6, पृ. 157 । 11. जैन साहित्यवर्धक सभा, भावनगर से 1947 ई. में प्रकाशित । 12-13. चौधरी गुलाबचन्द्र, जैन सा. का. बृ. इतिहास भाग 6, पृष्ठ 159 । 14. भारतीय ज्ञानपीठ से 1968 में प्रकाशित । 15. शास्त्री परमानन्द जैन, अपभ्रंश भाषा का जंबूस्वामी चरित और महाकवि वीर (प्रेमी अभिनन्दन ग्रन्थ, 1946, पृष्ठ 439)। 16. प्रशस्ति 1.491 17. जैन डॉ. देवेन्द्र कुमार, अपभ्रंश भाषा और साहित्य, भारतीय ज्ञानपीठ, 1965, पृष्ठ 135। 18. माणिकचन्द्र दि. जैन ग्रन्थमाला बम्बई से 1906 ई. में पं. जगदीशचन्द्र शास्त्री द्वारा संशोधित होकर प्रकाशित । 19. शास्त्री नेमिचन्द्र, ती. म. और उनकी प्राचार्य परम्परा, सागर 1974 ,भाग 4, पृष्ठ 77। 20. (श्री)नृपतिविक्रमादित्यराज्ये परिणते सति । सहैकचत्तवारिंशद्भिरब्दानां शतषोडशा । 2 । 21. "तत्पट्टपंकजविकासभारवान् बभूव निर्ग्रन्थवरः प्रतापी । . . महाकवित्वादिकलाप्रवीणः तपोनिधिः श्रीसकलादिकीर्तिः ॥. -ती म. और उनकी प्राचार्य परम्परा, भाग 3, पृष्ठ 326 । 22. वही, पृष्ठ 328। 23. जैन डॉ. प्रेमसागर, हिन्दी जैन भक्तिकाव्य और कवि, भा. ज्ञानपीठ, 1964, पृष्ठ 56। 24. जैन आत्मानन्द सभा भावनगर से 1913 ई. में गुजराती अनुवाद सहित प्रकाशित । 25. शास्त्री नेमिचन्द्र, ती. म. और उ. प्राचार्य परम्परा, भाग 3, पृष्ठ 338 । 26. जैन प्रेमसागर, हिन्दी जैन भक्तिकाव्य और कवि, पृष्ठ 59 । 27. ती म. और उ. प्रा. प., भाग 3, पृष्ठ 339 । 28. रावका डॉ. प्रेमचन्द्र, महाकवि ब्रह्म जिनदासः व्यक्तित्व एवं कृतित्व, महावीर ग्रन्थ अकादमी, जयपुर, 1980 ।
SR No.524755
Book TitleJain Vidya 05 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPravinchandra Jain & Others
PublisherJain Vidya Samsthan
Publication Year1987
Total Pages158
LanguageSanskrit, Prakrit, Hindi
ClassificationMagazine, India_Jain Vidya, & India
File Size14 MB
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