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________________ जैन शास्त्रों में वर्णित विज्ञान की वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उपयोगिता एवं महत्व डॉ. संजीव सराफ जैन-धर्म अनादि निधन एवं प्राकृतिक धर्म है तथापि इसके मूल प्रवर्तक तीर्थंकर माने जाते है, कालक्रम में ये चौबीस हुये हैं, जिनमें प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव है। वर्तमान में प्रचलित जैनधर्म के सिद्धांत अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर के उपदेशों पर आधारित है। जैन मतानुसार भगवान महावीर के बाद तीर्थंकरों की वाणी को उनके शिष्यों-प्रशिष्यों ने 12 अंगों (द्वादशांग) के रूप में लिपिबद्ध किया था। ये द्वादशांग आगम कहलाते हैं। जैन परम्परा में आगम साहित्य प्राचीनतम माना गया है। यह प्राकृत भाषा में लिपिबद्ध है। ___इन आगम ग्रन्थों पर नियुक्ति, भाष्य, चूर्णी, टीकायें आदि व्याख्यायें मिलती हैं। द्वादशांग का बारहवा अंग दृष्टिवाद था, इसके अंतर्गत चौबीस पूर्व बनाये गये हैं जिनमें भगवान महावीर से पूर्व की अनेक विचारधाराओं, मत-मतान्तरों, ज्ञान-विज्ञान का संकलन उनके शिष्य गौतम द्वारा किया गया था। किन्तु दुर्भाग्यवश यह पूर्व साहित्य संरक्षित नहीं रह रह सका तथापि ये ग्रन्थ महावीर निर्माण के 162 वर्ष पश्चात् क्रमशः अविच्छन्न हुये कहे जाते हैं। इन समस्त पूर्वो के अंतिम ज्ञाता श्रुत केवली भद्रबाहु थे। तत्पश्चात् 181 वर्षों में हुये विशाखाचार्य से लेकर आचार्य धर्मसेन तक अंतिम चार पूर्वो को छोड़ (चौदह पूर्वो में से) शेष दस पूर्वो का ज्ञान रहा। आचार्य धरसेन को द्वितीय पूर्व के कुछ अधिकारों का विशेष ज्ञान था। उन्होंने वही ज्ञान पुष्पदंत व भूतबली आचार्यों को प्रदान किया व उसी ज्ञान के आधार से सत्यकर्मप्राभूत अर्थात् षट्खण्डागम की सूत्र रचना की। यह आगम दिगम्बर सम्प्रदाय में सर्वप्राचीन माना जाता है जिसकी रचनाकाल ईसवीं द्वितीय शताब्दि सिद्ध होता है। षट्खण्डागम के वेदना नाम चतुर्थ खण्ड के प्रारम्भ में जो नमस्कारात्मक सूत्र पाये जाते हैं उनमें दस पूर्वो के और चौदह पूर्वो के ज्ञाता मुनियों को अलग-अलग 70 ___तुलसी प्रज्ञा अंक 141 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524637
Book TitleTulsi Prajna 2008 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShanta Jain, Jagatram Bhattacharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2008
Total Pages98
LanguageHindi, English
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size5 MB
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