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क्या विद्युत (इलेक्ट्रीसिटी ) सचित्त तेउकाय है?
क्या विद्युत् सचित्त तेउकाय है? इस चिन्तन के सन्दर्भ में प्रो. मुनि महेन्द्र कुमारजी द्वारा लिखित समीक्षात्मक आलेख पिछले चार अंकों में क्रमशः पाठकों के हाथों में पहुंच रहा है। यह सम्पूर्ण सामग्री अब जैन विश्व भारती, लाडनूं द्वारा पुस्तक रूप में प्रकाशित भी हो चुकी है।
_क्या विद्युत् सचित तेउकाय है? यह विषय जितना आगमिक है उतना ही वैज्ञानिक एवं सामयिक है। इस विषय पर मुनिश्री जी ने समीक्षात्मक विचार-प्रस्तुति की है जो अत्यन्त गहन, गम्भीर, आगम सम्मत एवं वैज्ञानिक प्रमाणों के साथ जुड़ी हुई है। आज जरूरत है, विद्वद् वर्ग अनेकान्तिक दृष्टि से वस्तु के प्रत्येक पहलू को समझें और उसे स्वीकार करें । सत्य की खोज का यही सही रास्ता है।
तुलसी प्रज्ञा इस अंक के साथ इस आलेख को पूर्णता दे रही है। इस सन्दर्भ में कुछ और भी जानकारियां, आगमिक ग्रन्थों के सन्दर्भ एवं अन्य चिन्तकों के विचार आप प्रकाशित पुस्तक के माध्यम से पढ़ सकते हैं।
-सम्पादक
तुलसी प्रज्ञा जुलाई-दिसम्बर, 2004
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