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इन विभिन्न शीर्षकों के अन्तर्गत आचार्य महाप्रज्ञ द्वारा प्रचलित अवधारणाओं के स्थान पर दी गई अवधारणाओं की एक सूची बानगी के रूप में दी गई है। इस सूची का संबंध व्यवहार सम्बन्धी प्रथम खण्ड से है। जहाँ तक परमार्थ का संबंध है, इस ग्रंथ के परमार्थ खण्ड में दिए गए सभी सूत्र कोई न कोई अभिनव अवधारणा लिए हुए हैं। अतः इन्हें पृथक रूप में नहीं दिया जा रहा है।
इन अवधारणाओं की सूची अवलोकन से स्पष्ट हो जाता है कि आचार्य महाप्रज्ञ के चिन्तन का पटल कितना व्यापक है और उनके द्वारा प्रदत्त अवधारणाएँ कितनी मौलिक हैं। इसी व्यापक पटल पर उनकी आवधारणाओं की मौलिकता को उकेरने का एक प्रारम्भिक एवं विनम्र प्रयास किया गया है।
पुस्तक - महाप्रज्ञ दर्शन लेखक - प्रोफेसर दयानन्द भार्गव प्रकाशन - जैन विश्वभारती, लाडनूं मूल्य - 200/
डॉ. दयानन्द भार्गव C/o डॉ. श्रीमती रीना भार्गव रेल्वे क्वार्टर एम-101 रेल्वे अस्पताल के पास, फुलेरा जिला - जोधपुर (राजस्थान)
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तुलसी प्रज्ञा अंक 118
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