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________________ (ख) ब्यूटी विदाउट कुयेल्टी पूणे ने लिस्ट ऑफ आनर के माध्यम से अहिंसक सौन्दर्य प्रसाधनों की प्रामाणिक सूची प्रस्तुत की है। इस प्रकार के कार्य को और व्यापक बनाना चाहिए। (ग) विभिन्न वैज्ञानिक जैव प्रौद्योगिकी द्वारा ऐसे बीज तैयार कर रहे हैं जिनसे वह कीट प्रतिरोधी पौधे उत्पन्न करेंगे और इस तरह कीटनाशकों का प्रयोग बंद हो सकेगा। (घ) विदेशों में अहिंसक उत्पाद विक्रय केन्द्र बॉडी शाप खोले गये हैं । इस तरह के केन्द्र हमें अपने देश में नगर-नगर, डगर-डगर खोलने चाहिए। (ङ) अहिंसा शोध एवं प्रमाणन हेतु अहिंसक प्रयोगशाला स्थापित होनी चाहिए। निष्कर्षत: अहिंसा की विविध क्षेत्रों में वैज्ञानिक रूप से उपयोगिता/आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यह तथ्य स्पष्ट रूप से रेखांकित किया जा सकता है कि आज समग्र विश्व में विभिन वैज्ञानिक प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अहिंसा को प्रोत्साहित कर रहे हैं और कर सकते हैं। परन्तु इस बात का अहसास स्वयं उन्हें भी नहीं है कि वे अहिंसा का कितना पुनीत धार्मिक कार्य कर रहे हैं। कितना अच्छा हो कि अहिंसा की प्रतिमूर्ति जैनधर्म की कोई प्रतिनिधि संस्था अहिंसा के क्षेत्र में चल रहे विभिन्न वैज्ञानिक कार्यों पर नजर रखकर उन्हें संरक्षण, समन्वय तथा निर्देशन दे तथा इन अहिंसक और वैज्ञानिकों के अनुसार विभिन्न अहिंसक कार्य योजनाएं, विकल्प, संसाधन बनाये। अगर हम इस दिशा में कुछ भी कार्य कर सकें तो भगवान महावीर के २६०० वें जन्मोत्सव वर्ष में उनकी आदर्श अहिंसा को शक्तिशाली बना सकेंगे जिससे कि सुखी, संतुलित संसार का सृजन हो सकेगा। धर्म और विज्ञान के समन्वय के लिये लिखे गये प्रत्येक लेख के लिये मैं आचार्य कनकनन्दी, डॉ. नेमीचंद जी इंदौर एवं डॉ. अनुपम जैन कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ का आजीवन आभारी हूं । लेख के आधार ग्रन्थ १. श्रीमद् अमृतचन्द्र सूरि पुरुषार्थ सिद्धि उपाय १-४८ धर्मदर्शन विज्ञान शोध संस्थान, बड़ौत (उ. प्र. ) २. जिनेन्द्र वर्णी, समण सुत्त ( श्रमण सूत्र पृ. १ - २७६, एवं सेवा संघ प्रकाशन, राजघाट, वाराणसी (उ. प्र. ) ३. बॉयोलॉजी (१२ वीं) दूसरा भाग, १९९५, एन.सी.ई.आर.टी., न्यू दिल्ली, पेज ७६३-१०८ ४. बॉयोलॉजी (११) भाग २, १९९५ एन.सी.ई.आर.टी., न्यू दिल्ली ५. मांसाहार सौ तथ्य डॉ. नेमीचंद ६५, पत्रकार कॉलोनी, कनाडिया रोड, इंदौर ६. आविष्कार- एन.आर.डी.सी., २०-२२ जमशेदपुर कम्युनिटी सेन्टर, कैलाश कॉलोनी, एक्सटेन्सन ७. इन्वेन्टेशन इनटेलीजेंस ८. विज्ञान प्रगति - सी. एस. आई. आर. डॉ. के. एस. कृष्णन मार्ग, नई दिल्ली ९. सम्यक् विकास- २१, सुफलाम फ्लेट्स जयहिंद प्रेस के सामने, आश्रम रोड, अहमदाबाद १०. वैज्ञानिक - भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र, टाम्बे, बम्बई - ४०००६५ 46 Jain Education International For Private & Personal Use Only तुलसी प्रज्ञा अंक 115 www.jainelibrary.org
SR No.524610
Book TitleTulsi Prajna 2002 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShanta Jain, Jagatram Bhattacharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2002
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size6 MB
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