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________________ भारतीय संस्कृति में अहिंसा व शांति का संदेश - डॉ. कुसुम भण्डारी किसी देश की आध्यात्मिक, सामाजिक और मानसिक विरासत को उस देश की संस्कृति कहते हैं। अंग्रेजी में इसके लिये कल्चर शब्द का प्रयोग किया गया है। देश की भौतिक सम्पदा व बाह्य स्वरूप को सभ्यता या सिविलाईजेशन कहा जाता है।' भारत के प्राचीन साहित्य में संस्कृति के लिये 'धर्म' शब्द का प्रयोग किया जाता था तथा सभ्यता के लिये 'अर्थ' शब्द का प्रयोग होता था। संस्कृति शब्द बहुत व्यापक है । इसमें धर्म, साहित्य, परम्परा, सामाजिक व्यवस्था, आध्यात्मिकता, मानसिक तत्व सभी सम्मिलित होते हैं । इन सबका सामूहिक नाम संस्कृति है । एक ओर यूनान, रोम व मिश्र की प्राचीन सभ्यता व संस्कृति इतिहासकारों व शोधकर्ताओं का विशेष आकर्षण बन कर रह गयी है, वहीं आज भी भारत की महान् संस्कृति युग-युगान्तरों के परिवर्तनों, क्रांतियों और तूफानों में से निकलकर विरोधी शक्तियों का करारा उत्तर दे रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि भारत की संस्कृति का प्रवाह अपनी मुख्य नदी गंगा के प्रवाह के समान अक्षुण्ण है। दायें-बायें जो भी नदी-नाले आयें, वे गंगा में विलीन हो गये। भारतीय संस्कृति लगभग 5000 वर्ष पुरानी मानी जाती है जिसमें समय-समय पर अनेक संस्कृतियों का प्रवेश हुआ, पर इसकी धारा निरन्तर बहती रही। वैदिक काल आधुनिक काल तक हर युग में भारतीय संस्कृति शांति, सद्भावना, सह-अस्तित्व व वसुधैव कुटुम्बकम् के मानवीय मूल्यों के संरक्षण का कार्य करती रही है और इन सबमें जैन दर्शन व विचारकों का विशेष योगदान रहा है। भगवान महावीर ने अपने अहिंसावादी शांति के संदेशों से पूरी मानव सभ्यता व संस्कृति को प्रभावित किया है और महावीर की शांति व अहिंसा आज की दुनिया के लिये उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी पहले थी । भारतीय संस्कृति में दो अन्तर्धाराएं प्रवाहित होती हैं :- वैदिक विचारधारा तथा श्रमण विचारधारा, जिन्हें वैदिक संस्कृति एवं श्रमण संस्कृति भी कहा जाता है। वैदिक तुलसी प्रज्ञा जनवरी-मार्च, 2002 Jain Education International For Private & Personal Use Only 27 www.jainelibrary.org
SR No.524610
Book TitleTulsi Prajna 2002 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShanta Jain, Jagatram Bhattacharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2002
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size6 MB
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