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में तार्किक विवेचन प्रस्तुत किया है। इस विवेचन में वे सन्मतितर्क प्रकरण और उत्तराध्ययन से अधिक प्रभावित दिखाई पड़ते हैं। पर्याय सम्बन्धी विपरीत चिन्तन का खण्डन भी उन्होंने बहुत ही तार्किक ढ़ंग से किया है। इस प्रकार पर्याय का एक सांगोपांग विवेचन यहां प्रस्तुत हो
सका है।
संदर्भ ग्रन्थ सूची :
1. द्रव्यानुयोगतर्कणा, प्रस्तावना पृ. 13
2. वही 1/1
3. वही 1/33/1/95/6
4. द्रव्यानुयोग तर्कणा 2/1
5.
आलाप पद्धति, 6
6.
8.
9. द्रव्यानुयोगतर्कणा 2/2
10. स्याद्वादमंजरी, 22
5/38/309-310
गोम्मटसार जीवकाण्ड मूल. 572/1016
11. परीक्षामुख 4/8
12. यः पर्यायः सद्विविधः क्रमभावी सहभावी
चेति । 13. द्रव्यानुयोगतर्कणा 2/2 14. वही 14/2
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15. 16/36/8
16. द्रव्यानुयोगतर्कणा, व्याख्या 14/2
17. वसु श्रा. 25
18. द्रव्यानुयोगतर्कणा 14/3
19. नियमसार 15 / 28
20. तर्कणा 14/5
21. वही 14/6
22. सन्मति तर्क 1/6
23. 6/40
24. तर्कणा 14/10
25. वही 14/11
26. उत्तराध्ययन
27. तर्कणा 14/15 28. वही 14/17
सहायक आचार्य जैन दर्शन एवं तुलनात्मक धर्म-दर्शन जैन विश्वभारती संस्थान
(मान्य विश्वविद्यालय) लाडनूं- 341306 (राज.)
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W तुलसी प्रज्ञा अंक 111-112
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