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११. रामायण, ६।७७/२ ( गीता प्रेस गोरखपुर संस्करण, २०२४-२५ वि० सं०) १२. हर्बर्ट हल, 'द एक्जकेवेशन ऐट सोंख : ए प्रिलिमिनरी रिपोर्ट, '
जर्मन स्कालर्स इन इण्डिया, वाल्यूम २, नई दिल्ली १९७६, पृ० ८८ चित्र २७ १३. कनिंघम, उपरोक्त, फलक ४७७ बेनीमाघव बरुआ, भरहुत, बुक ३, कलकत्ता १९३४, फलक ८१, चित्र ११६; भारतीय संग्रहालय, कलकत्ता, निगेटिव सं०
ए-२१
१४. कनिंघम, उपरोक्त, पृ० ९४
१५. बेनीमाघाव बरुआ, उपरोक्त, बुक २, पृ० १२१-१२२
१६. कार्पस इन्स्क्रिप्शन इण्डिकेरम, वाल्यूम २, पार्ट २, अभिलेख सं० बी - ७७, पृ. १७४ एम० हैदर रिज़वी (उर्दू
१७. इस जानकारी के लिए लेखक अपने मित्र डा० एस ० विभाग, हैदराबाद विश्वविद्यालय, हैदराबाद) का कृतज्ञ है । १८. जगदीश गुप्त, प्रागैतिहासिक भारतीय चित्रकला, दिल्ली १९६७, पृ० ४३९, फलक
प्रतीक ८३
१९. यशोधर, 'भीमबेटका के शैल चित्रों का काल-निर्धारण', प्राच्य प्रतिभा वाल्यूम ३१ जुलाई १९७५), सं० २ पृ० १०८; के० एस० वाकणकार, 'द प्रीहिस्टॉरिक पैराडाइज, प्राच्य प्रतिभा, उपरोक्त, चित्र ४
२०. द्रष्टव्य, वाब्यूम २८, सं० ४ ( सितम्बर १९७५), फलक ७, चित्र - ७-८ २१. मार्शल, तक्षशिला, वाल्यूम ३, केम्ब्रिज १९५१,
खण्ड २३, अंक ४
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१९५१, फलक २३२, १७७-८५ -डा० ए० एल० श्रीवास्तव बी - १३२, सेक्टर-सी, महानगर लखनऊ-२२६००६
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