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बताया गया है कि यज असफ शताब्दियों पूर्व कश्मीरी घाटी में आया था और उसने सत्य की खोज में अपना जीवन बिताया। यहां दो कब्रगाह बनी दीखती हैं जिनमें लम्बी कब्र यज़ असफ की है और दूसरी इस्लामी सन्त नासिर-उद्-दीन की है। दोनों कब्र उत्तर से दक्षिण बनी हैं किन्तु इन कब्रों के पत्थरों के नीचे यजु असफ की कब्र पूर्व से पश्चिम को बनी बताई जाती है ।
यही नहीं कब्र के उत्तर पूर्वी कौने पर पगलिया बनें हैं जिनमें कीलें ठोकने के जन विश्वास में यह हज़रत ईसा साहब की कब्र है । कब्र १७६६ का लिखा एक फरमान भी बताया जाता है जिस असफ सो रहा है जिसने राजा गोपदत्त के समय
निशान भी बनाए गए हैं । के रक्षक लोगों के पास सन् पर लिखा है कि- 'यहां यज् सोलोमन के सिंहासन को पुनः प्रतिष्ठित किया था । तरह आया था । उसने लोगों को अनुशासित किया । की और जनता को ईश्वर का संदेश दिया । उसी समय उच्च एवं निम्न वर्ग के लोगों द्वारा पूजी जाती है ।'
जो कश्मीर में एक फरिश्ते की उसने अपनी पैगम्बरी प्रमाणित से उसकी कब्र राजा, मुसाहिब,
वस्तुतः ईशा मसीह को यरूशलम में सूली पर चढ़ाया गया तो उसे सूली पर चढ़ाने से पूर्व विनेगर का प्याला पिलाया गया जिसे पीते ही वह बेहोश हो गया और उसकी गर्दन लटक गई; इसीलिए दाहिने पर बायां पैर रखकर कील ठोक कर रोका गया । सूली देने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया किन्तु सूली पर से शाम को और लिनेन के कपड़े में लपेट कर टोम्ब ऑफ जीसस जहां से तीन दिन बाद उसकी लाश गायब हो गई ।
उसके पैरों को तीन घंटे के उतारा गया
में रख दिया गया
और उसके सीने में मृत्युदण्ड दिया जाता
प्राप्त विवरणों के अनुसार यह
हुआ यह कि विनेगर पीने से जीसस् धड़कन बंद हो गई । यहूदी प्रथा के अनुसार उसे एक बीकर शराब में एक जड़ी का रस मिला कर पिला दिया जाता ताकि वह बेहोश हो जाए और मृत्यु के भय से पीड़ित न हो । जड़ी asclepias acida है जिसके पत्ते बड़े सिक्के की तरह गोल होते हैं और वह देवताओं का पेय - सोम कही जाती है । यह जड़ी योरोप में कहीं पैदा नहीं होती । लेटिन में इसे Vincetoxicum Hirundinaria कहते हैं | Hirundinaria= Swallow-wort और Vincetoxicum = Conquer the poison | अर्थात् विष को जीतने वाली जड़ी । ग्रीक फार्मोकोलोजिष्ट डायस्कुर्दिस् ( प्रथम शती ईसवी) ने इसे Dog choker कहा है। उसके विवरण अनुसार मांस में इस जड़ी के पत्ते मिला कर कुत्ते को खिलाया जाय तो कुत्ता मर जाता है ।
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मृत्वत् हो गया जिस किसी को
इस प्रकार बेहोश जीजस को तीन दिन बाद होश आया और होश आने पर वह यरूशलम क्षेत्र के दक्षिणी पठार से बेथनी चला गया जहां उसे अपने अनुयायियों को यह समझाने में वक्त लगा कि वह अभी जिन्दा है । बाद में जीसस के जिंदा होने की खबर की सचाई जाने के लिए जोन पॉल दमिश्क गया और जीसस् से मिल कर आया ।
खण्ड २२, अंक ३
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