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वर्तमान में यह शिलाखण्ड 'प्रिंस ऑव वेल्स म्यूजियम, बम्बई' के आर्केलोजिकल सेक्शन (क्रमांक-९) में सुरक्षित है। इस खंडित शिलालेख को फ्रेम में सुरक्षित कर रखा गया है जिसका ऊपरी दाहिना कोना (१०१"४६३") और नीचे का हिस्सा घिसा पिटा है। शिलालेख लगभग ९५"४३३" इंच में खोदा गया है। यहां उसका मूलपाठ पंक्ति अनुक्रम में प्रस्तुत है :पंक्ति -१. (स्वस्ति ॐ) नमः सिवा (यः ॥)
गोडराउ (राजराणउ) राउरवेल बखानउ ।। (आपउआप) जो जेम्व जणइउ । सिगम्ब वरणेऊ (हाव राण राजऊ) ॥०॥
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२. .... ............./तु मा(लवी)उ भावइ ।।
आंखिहिं काजलु भरयउ सजइ । भावउ तुछउ फुल्लउ (महकइ ।) अह(रू) तंबोले मणुमणु राजउ ।' सोह देइ कवि आनन्दिउ ।
, ३. /लीता(--) मनम्वही मोहंथि ।।
जाला कांठी गलइ सुहावइ । आहुकि सोभइ ताकरि भावइ । एहइ तरूणिहुं माणुणु भालउ ।
ज जसु रूचइ सो (तसु बोलउ ॥). ,, ४. .............../णुम(ज्ज)इ डीजइ ॥
रातऊ कंचुआ अति सुठु चांगउ ।" गाढउ पाटउ (कड्डोरा) आगउ ।' पडुहा पहिरणु भालउ भावइ । तासु सोहकि कछड़ा पावइ ।।
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१. यह प्रस्तावित खण्ड बताये गये हैं। २. तुछउ-देखिये----देशी० ५.१५--तुच्छयः- अनुराग भरा। ३. तंबोले= , -कुव० १५२-१३-तंबोल-रइय गओ अहरो दृष्टा कामिनी
जनस्य । ४. णुमज्जइ= ,, -हेम० १.९४–णुमज्जई -- डूबना, बैठना । ५. कंचुआ= ,, ---पउम० ९.११-- कंचुअ-चोली । प्रस्तावित= , ---कुव० २५.६ ---कड्डोरा - कटिसूत्र । पाटउ= , ११३.१० -- पाटलादाम----- कंठ का आभूषण ।
... तुलसी प्रज्ञा
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