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'सापेक्ष कथंचित् ।' 'स्याद्वाद' अपेक्षावाद (अथवा सापेक्षता) का सिद्धांत है, जिसे अंग्रेजी में 'थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी' कहा जा सकता है। ___'स्यात्' इस तथ्य को प्रकट करता है कि पदार्थ के जिस धर्म का निरुपण किया जा रहा है। वह 'सापेक्ष' है अर्थात् इसके अतिरिक्त भी धर्म इस पदार्थ में हैं किन्तु वे विवक्षित नहीं हैं, अत: गोण हैं । इसके अतिरिक्त 'कथंचित्' अर्थ की सिद्धि करता हुआ 'स्यात्' इस तथ्य की उद्भावना करता है कि 'वाक्यादि में जो बात कही जा रही है, वह किसी विशेष दृष्टि से कही जा रही है।' _ 'स्याद्वाद' में विधि एवं निषेधपरक सात भङ्गों (सप्तभङ्गीन्याय) का इस प्रकार विवेचन किया जाता है:-१. स्याद् अस्ति २. स्याद् नास्ति ३. स्याद् अस्तिनास्ति ४. स्याद् अवक्तव्य ५. स्याद् अस्ति अवक्तव्य ६. स्याद् नास्ति अवक्तव्य ७. स्याद् अस्ति-नास्ति अवक्तव्य ।
अब इनकी क्रमशः लौकिक दृष्टांत के साथ पुष्टि की जा रही है:१. स्यात् अस्ति घटः, अर्थात् किसी अपेक्षा से घट है । घट का अपने द्रव्य, काल, क्षेत्र,
भाव आदि की अपेक्षा से अस्तित्व है। २. स्याद् नास्ति घटः, अर्थात् किसी अन्य पदार्थ की अपेक्षा से घट नहीं है । दूसरे
पदार्थ के द्रव्य, काल, भाव एवं क्षेत्र आदि की दृष्टि से घट नहीं है । घट में घट भिन्न पदार्थ का भेद है । अतः घट भिन्न पदार्थ की दृष्टि से घट नहीं है। ३. स्याद् अस्ति नास्ति घटः, अर्थात् किसी दृष्टि से घट है भी और नहीं भी है। घट स्वरूप की दृष्टि से है तथा पर रूप की दृष्टि से नहीं है, अर्थात् अपने क्षेत्र, काल द्रव्य आदि की दृष्टि से है परन्तु दूसरे क्षेत्र, काल, द्रव्य एवं भाव आदि की दृष्टि
से नहीं है, अतः घट उभय रूप (अस्ति, नास्ति) है । ४. स्यात् अवक्तव्यो घटः, अर्थात् घट अवक्तव्य है। घट का रंग काला तथा लाल दोनों हैं। पकने से पहले घट काले रंग का है तथा लाल रंग का नहीं हैं (स्यात् घटो अस्ति तथा स्यात् घटो नास्ति), पकने के बाद लाल रंग का है तथा काले रंग का नहीं है; परन्तु जिस क्षण घट पक रहा है (काले से लाल रंग में बदल रहा है) तब अस्ति-नास्ति दोनों है। अस्ति-नास्ति की विवक्षा मुख्य रूप से एक साथ नहीं हो सकती। अत: घट का रंग अवक्तव्य है। ५. स्यात् अस्ति अवक्तव्यो घटः, अर्थात् किसी अपेक्षा से घट का अस्तित्व है तथा घट
अवक्तव्य भी है। किसी दृष्टि से (द्रव्य, क्षेत्र, काल आदि की दृष्टि से) घट का अस्तित्व है, परंतु जब इनका स्पष्ट निर्देश न हो तो घट अवक्तव्य है। उदाहरणार्थ
घट लाल रंग का है, परन्तु जब रंग का स्पष्ट निर्देश न हो तब घट अवक्तव्य है। ६. स्याद् नास्ति अवक्तव्यो घट:, घट अपने से भिन्न पदार्थ के क्षेत्र, द्रव्य एवं काल
आदि की दृष्टि से नहीं है तथा इनका स्पष्ट निर्देश न होने के कारण अवक्तव्य भी
७. स्याद् अस्ति-नास्ति अवक्तव्यो घटः, अर्थात् किसी अपेक्षा से घट है, नहीं है तथा
अवक्तव्य है। घट स्वद्रव्य, काल, क्षेत्रादि की दृष्टि से है, पर द्रव्य, काल क्षेत्रादि से नहीं है। इनका स्पष्ट निर्देश न होने के कारण अवक्तव्य भी है।
तुलसी प्रक्षा
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