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________________ दिया है। ४. सर्वतोभद्र यंत्र इस यंत्र में केवल संख्याएं भरी जाती हैं। एक लाइन में जितने कोष्ठक होते हैं उतनी ही लाइनें होती हैं। एक लाइन की संख्याओं का जितना जोड़ होता है उतना ही योग सब लाइनों की संख्याओं का होता है। ऊपर से नीचे, दाएं से बाएं प्रत्येक लाइन की संख्याओं का योग समान होता है। तिरछी लाइन के कोणों की संख्याओं का योग भी उतना ही होता है। ऐसे यंत्रों को सर्वतोभद्र यंत्र कहा जाता है। मुनिश्री के हस्त लिखित पत्रों में ऐसे अनेकों सर्वतोभद्र यंत्र हैं उनके द्वारा भरे हुए सर्वतोभद्र यंत्रों का चार्ट इस प्रकार है एक लाइन में कोष्ठक कुल कोष्ठक एक लाइन की संख्या का योग १५ * ror " २६० ३६९ M १२१ १६९ ३६१ १५२१ २४०१ ११०५ ३४३९ २९६७९ ५८८४९ उदाहरण के रूप में १२१ कोष्ठकों का सर्वतोभद्र यंत्र नीचे दिया जा रहा है । जिसकी प्रत्येक लाईन का सर्वतोभद्र योग ६७१ है । ___६२ | ७४ | ८६ / ९८ | ११० । १११ । २ | १४ | २६ । ३८ | ५० ११२ । ३ | १५ | २७ । ३९ । ५१ । ६३ । ७५ | ८७ | ९९ १०० ५२ | ६४ | ७६ | ८८ | ८९ | १०१ ११३ | ४ । १६ । २८ । ४० । १०२११४ | ५ | १७ | २९ ४१ । ५३ | ६५ ७७ । ७८ । ९० ४२ । ५४ । ६६ । ६७ । ७९ । ९१ १०३ ११५ । ६ । १८ । ३० ____१ | १३ | २५ । ३७ | ४९ । ६१ | ७३ | ८५ | ९७ १०९ |१२१ ___ ८२ | ९४ १०६ ११८ । ९ । २१ | ३३ । ३४ | ४६ | ५८ | ७० ३२ । ४४ । ४५ | ५७ ६९ ८१ । ९३ | १०५ | ११७८ | २० ९२ १०४ १०६ । ७ | १९ । ३१ | ४३ | ५५ ५६ | ६८ | ८० ___ २२ | २३ | ३५ | ४७ ५९ | ७१ | ८३ । ९५ | १०७ ११९ . १० । ७२ | ८४ | ९६ /१०८ | १२०/११..| १२ | १२४ । ३६ | ४८६० - - . तुलसी.प्रज्ञा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524586
Book TitleTulsi Prajna 1996 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages246
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size10 MB
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