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________________ २. पुटक-विवाई फटने पर उपयोग में लाया जाता है ३. वहन- जूते सीने के लिए चमड़े का टुकड़ा ४. कोशक--नख भंग की रक्षा के लिए अंगुस्ताना ५. कृति-(चर्म) ६. सिक्कक-छींके के समान उपकरण जिसमें कुछ लटका कर रखा जा सके ७. कापोतिका-- जिसमें बाल साधु को बिठाया जा सके. ८. सूची-(सूई) ९. पिप्पलक-(छूरी) १०. आश ११. नखहरणिका-(नहरनी) नेलकटर १२. नन्दी-भाजन १३. धर्म करक-पानी आदि छानने के लिए छन्ना १४. गुटिका बौद्ध भिक्षुओं के माठ परिष्कार हैं :१,२,३. चीवर ४. एक पात्र ५. धुरी पात्र ६. सूची ७. काय-बन्धन ८. पानी छानने का कपड़ा" इस प्रकार ओधनियुक्ति में उपकरणों का पूरा विवरण उपलब्ध होता है। सन्दर्भः १. आ. श्रु. १ अ. २, ५ सू. ११२ २. जो भिक्खू तिहिं...............""आ. व. अ. ८३ सू. ४३ ३. प्रवचन" ....."गा ५९०,९१,९२ ४. उप धा-तीत्युपधिः ओ. नि. ७. ६६७, पत्र ४६९ ५. उपकरोतीत्युपकरणम्" "" " , " ६. ओहे उवग्गहंमि-ओ.भि.गा. ६६८ व ४६९ ७. एक्केक्कोऽविदुविहो ओ. नि. गा. ६६८ ८. ओघोपधिनित्यमेव............". ४६९ ९. मो. नि. गा. ६६९,७०,७१ । १०. पसंपत्ताबंधो..................नि. गा. ६७५ तिन्नेव या पच्छागा.............",, ,, ६७६ उग्गहणंतग......................" , , ६७७ उक्कच्छिय वेकच्छिय..........." , , ६७८ बण्ड २१, अंक ३ २४९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524585
Book TitleTulsi Prajna 1995 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1995
Total Pages174
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size7 MB
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