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________________ ८. अल्पमत द्वारा संचालित संस्थाओं को भंग करके लोकतंत्र के आधार पर संचालन होंगे । ९. व्यक्ति राष्ट्र की सम्पत्ति के समान अधिकारी होंगे । १०. खनिज सम्पदा, भूमि, बैंक व आवश्यक उद्योग राष्ट्र को समर्पित किये जायेंगे । ११. हर व्यक्ति को कार्य चुनने व करने की स्वतंत्रता दी जायेगी । १२. भूमि का वितरण उनमें किया जायेगा जो इस पर कार्य करेंगे तथा राष्ट्र किसानों को बांध, ऊर्जा, बीज उपकरण आदि के रूप में सहयोग देगी । १३. जबरन मजदूरी (बेगारी) समाप्ति, पशुओं की सुरक्षा आदि का ध्यान रखा जायेगा । १४. कानून सब के लिए समान होगा और बगैर किसी अभियोग व न्यायिक प्रक्रिया के किसी को सजा नहीं दी जाएगी न ही नजरबंद किया जाएगा । १५. कारावास की सजायें केवल गंभीर अपराधों पर होंगी व दण्ड नीति प्रतिरोधात्मक न होकर सुधारात्मक होगी । १६. पुलिस व सेना जनता के सहयोग के लिए कार्य करेगी व उसमें हर किसी को भागीदार बनने का अधिकार होगा । १७. जनता की वैयक्तिकता को सुरक्षा, भ्रमण की स्वतंत्रता, श्रम का समान मूल्य, न्यूनतम वेतन तथा न्यूनतम कार्य अवधि का निर्धारण, स्त्री श्रमिक समस्या आदि का समाधान किया जाएगा । १८. बाल श्रमिक अनुबंधित श्रम व्यवस्था आदि को भंग किया जायेगा । १९. शिक्षा का उद्देश्य युवा वर्ग को अपने देश से, व्यक्तियों से संस्कृति से प्रेम करना तथा बन्धुत्वभावना, स्वतंत्रता व शांति का सम्मान करना सिखाना होगा । २०. शिक्षा निःशुल्क, अनिवार्य व सब छात्रों के लिए समान होगी, तथा प्रौढ़ शिक्षा के कार्यक्रम को जन शिक्षण शिक्षा का रूप दिया जायेगा ।" इसके अतिरिक्त उन सभी बातों का इसमें समावेश किया गया जो मानवीय मूल्यों की गरिमा को बढ़ाते हों। फ्रीडम चार्टर का निर्माण करते हुए १७७६ की संयुक्त राष्ट्र की स्वतंत्रता की घोषणा, १७८९ में Declaration of the Rights of Man of the French Revolution व १९४८ का Universal Declaration of Human Right of the UN की सहायता ली गई । " इस अवसर पर नेलसन मंडेला ने कहा - "यह एक क्रांतिकारी घोषणापत्र है क्योंकि जिन सुधारों की यह चर्चा करता है वह दक्षिण अफ्रीका के वर्तमान आर्थिक व राजनैतिक तंत्र को भंग किये बिना नहीं पाया जा सकता ।"१ दक्षिण अफ्रीका में स्वतंत्रता संग्राम में कई महत्वपूर्ण घटनाएं मील की पत्थर साबित हुईं, जिन्होंने रंगभेद के विरुद्ध दक्षिण अफ्रीका में लोगों को एक मंच पर एकत्र तो किया ही विश्व जनमत का निर्माण करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । ट्रीजन का मुकदमा और शर्पेविले जनसंहार का महत्वपूर्ण स्थान है । ६५ Jain Education International For Private & Personal Use Only तुलसी प्रज्ञा www.jainelibrary.org
SR No.524583
Book TitleTulsi Prajna 1995 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1995
Total Pages158
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size7 MB
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