SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 86
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ का एक सर्व-सम्मत आधार प्रस्तुत करें। इस हेतु शांतिशोध की अपेक्षा है। समसामयिक समाज में समाज परिवर्तन की क्या आवश्यकता है ? चीन, रूस, फ्रांस आदि राष्ट्रों में समाज परिवर्तन का इतिहास खूनी क्रांतियों का इतिहास है। समाज परिवर्तन के लिए इतना खून बहाया जाने के बावजूद भी वांछित परिवर्तन नहीं आ सके हैं । इसलिए हमें समस्या को दूसरे दृष्टिकोण से सोचना होगा। यदि हिंसा समस्या का समाधान नहीं हो सकता तो अहिंसक साधनों से समाज परिवर्तन की बात सोचनी होगी। इस दिशा में गांधी, विनोबा, जयप्रकाश नारायण व आचार्य तुलसी के प्रयास महत्त्वपूर्ण है। अहिंसक साधनों से समाज परिवर्तन के लिए जिन साधनों को काम में लिया जाता रहा है उनमें सत्याग्रह, स्वदेशी, अहिंसा-प्रशिक्षण, हृदय परिवर्तन आदि है । शांतिशोध की आवश्यकता इसलिए है, वह यह पता लगाए कि सम-सामयिक समाज-परिवर्तन की क्या आवश्यकता है ? कैसे समाज-परिवर्तन किया जा सकता है और उसके क्या-क्या साधन हो सकते हैं ? ___ शांतिशोध की आवश्यकता इसलिए भी है कि वह यह पता लगाए कि विश्वशांति की दृष्टि से शांति संगठनों की क्या भूमिका हो सकती है ? विश्व के अनेक राष्ट्रों में कुछ सरकारी व गैर सरकारी (NGO's) संस्थान हैं जो शांति के कार्यक्रमों में संलग्न है । पर उन संगठनों के बीच न तो कोई तालमेल है और न कोई संचार । शांतिशोध इस दिशा में प्रयत्न करे कि किस तरह इन शांति संगठनों को एक विश्वव्यापी नेटवर्क से जोड़ा जा सकता है और कैसे इनमें समन्वय स्थापित कर विश्वशांति के प्रयासों को गति दी जा सकती है ? शांतिशोध की आवश्यकता शांतिशिक्षण की समस्याओं और चुनौतियों के कारणों की खोज और निदान का मार्ग प्रशस्त करने के लिए भी है। गाल्टंग का विचार रहा है कि शांति, शक्ति के समान बंटवारे व संसाधनों के समान बंटवारे के बिना कभी भी प्राप्त नहीं की जा सकती" यही विचार शांति शिक्षण का आधार बना है। क्योंकि शक्ति व संसाधनों का असमान बंटवारा विश्व में अशांति का कारण बनता है। फोयरस्टीर का मत है कि शांति संस्कृति के पुननिर्माण से ही आ सकती है। व्यक्ति संस्कृति का एक तत्व है, इसलिए वह इसके एक अंश के रूप में रहेगा पर समूह में भाईचारे या मानवता की भावना होगी। यह मानवता उत्पादक और सम्पूर्ण शिक्षा से ही आएगी जो स्वयं शांतिपूर्ण होगी। इस प्रकार शांति शिक्षण के कई आधार हो सकते हैं । दूसरी तरफ युद्ध के लिए जैसा व्यवस्थित प्रशिक्षण है वैसा व्यवस्थित प्रशिक्षण शांति के लिए नहीं है, इसलिए भी शांति शिक्षण के लिए कई समस्याएं और चुनौतियां हैं । शांतिशोध की आवश्यकता इसलिए है कि वह इन समस्याओ और चुनौतियों का पता लगाए। ___ उपर्युक्त समस्याओं के अलावा कुछ और महत्त्वपूर्ण समस्याएं हैं जिनके लिए शांतिशोध की आवश्यकता है । जैसे .... १. अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों को पुनर्व्यवस्थित करने के लिए। २. राजनैतिक संगठनों में विशेष रूप से चुनाव के समय और नक्सलवादियों के खण्ड २०, अंक ३ २२९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524581
Book TitleTulsi Prajna 1994 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages152
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy