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________________ श्रद्धांजलि डा० कृष्णदत्त बाजपेयी (४.४.१९१८-१०.६.१९९२) प्रोफेसर कृष्णदत्त बाजपेयी देश के मूर्धन्य इतिहासविद् तथा पुरातत्त्वविद् थे। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के रायबरेली जनपद में सन् १९१८ में हुआ। श्री बाजपेयी ने प्रारंभ में सन् १९४३ से १९५८ ई० तक लखनऊ तथा मथुरा पुरातत्व संग्रहालयों के क्यूरेटर और उत्तर प्रदेश के पुरातत्त्व अधिकारी के रूप में अपनी विद्वता और लगन का परिचय दिया। तत्कालीन राज्यपाल श्री कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी तथा मुख्यमंत्री डॉ० सम्पूर्णानन्दजी के संपर्क में रहकर उन्होंने उत्तर प्रदेश के विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों का महत्त्वपूर्ण परिचय देने वाले ग्रन्थों की रचना की। इनमें मथुरा, कन्नौज, हस्तिनापुर, अहिच्छत्रा आदि प्रमुख हैं। इसी बीच वे ब्रजमण्डल के सांस्कृतिक इतिहास को उजागर करने में जुटे । दो खण्डों में प्रकाशित उनका ग्रन्थ 'ब्रज का इतिहास' इस दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण और उल्लेखनीय है। सन् १९५८ ई० में डॉ० वाजपेयी की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश के सागर विश्वविद्यालय में प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्त्व विभाग खोला गया । सन् १९६३ ई० में प्रो० बाजपेयी 'टैगोर प्रोफेसर' बने । इस प्रकार सन् १९४३ से १९७७ ई० तक प्रो० बाजपेयी निरन्तर अध्ययन-अध्यापन, सर्वेक्षण-उत्खनन तथा लेखन-निर्देशन में तल्लीन रहे । तदुपरान्त भी आप मृत्यु पर्यन्त सक्रिय रहे। प्रो० बाजपेयी ने ४० से अधिक ग्रंथों की रचना की जिनमें मुख्यतः उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश का गौरवशाली अतीत उजागर हुआ है। इनमें कुछ ग्रन्थ तो अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हैं जैसे-'ब्रज का इतिहास', 'उत्तर प्रदेश में बौद्ध धर्म का इतिहास', युगयुगों में उत्तर प्रदेश', 'भारतीय संस्कृति में मध्य प्रदेश का योगदान', 'मध्य प्रदेश का पुरातत्त्व', 'मथुरा', 'कल्चरल हिस्ट्री ऑव इण्डिया (मध्य प्रदेश)', 'सागर थ्र द एजेज', 'बुद्धिस्ट सेंटर्स इन उत्तर प्रदेश', 'फाइव फेजेज इन इण्डियन आर्ट' आदि । उन्होंने ८०० से अधिक शोधपत्र भी प्रकाशित किए। प्रो० बाजपेयी ने कई शोधपत्रिकाओं का संपादन भी किया जिनमें 'ब्रज भारती', 'प्राच्य प्रतिभा' तथा 'पंचाल' प्रमुख हैं। उन्होंने कई ग्रन्थों का अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद भी किया है। -- परमेश्वर सोलंकी तुलसी प्रज्ञा
SR No.524574
Book TitleTulsi Prajna 1993 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1993
Total Pages166
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size7 MB
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