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जैन विश्व भारती संस्थान - एक परिचय
149 श्रमण-संकाय : इस संकाय के द्वारा श्रमण संस्कृति के विद्यार्थियों की परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम निर्धारण एवं आयोजन में सहयोग दिया जाता है जिससे प्रतिवर्ष ७००० छात्र-छात्राओं को जैन विद्या एवं अहिंसा-विज्ञान से परिचय भी मिलता है एवं उन्हें प्रमाण-पत्र दिये जाते हैं । ___ अमृत-वाणी : इस विभाग में आचार्य श्री एवं युवाचार्य श्री के दिव्य प्रवचनों एवं वंदना एवं संगीत के कार्यक्रमों के संगीत कैसेट एवं वीडियो फिल्म का निर्माण होता है। इसकी प्रयोगशाला है, इसका अपना उपकरण है जिसके द्वारा लगभग ३००० प्रवचन कैसेट एवं ३०० वीडियो फिल्म बन गये हैं इससे संत साहित्य एवं स्वस्थ संगीत के प्रचार में सहायता मिलती है । ____ अन्तराष्ट्रीय शान्ति सम्मेलन : संयुक्तराष्ट्र संघ, युनेस्को, संयुक्तराष्ट्र संघ का शांति विश्वविद्यालय, अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति कार्यालय, जेनेवा आदि के सहयोग से लाडनूं एवं अन्य स्थानों पर अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति सम्मेलन आयोजित किये जाते है जिसमें ४०० से भी ज्यादा लोगों ने भाग लिया है ।
साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए प्रयास : साम्प्रदायिक सद्भाव एवं राष्ट्रीय अखंडता हमारा व्रत जैसा है । आचार्य श्री तुलसी राष्ट्रीय एकता परिषद् के माननीय सदस्य भी
प्रौढ़ शिक्षा : विश्वविद्यालय के द्वारा संचालित हमारी प्रौढ़ शिक्षा योजना के लिए हमें भारत सरकार से भी प्रशस्ति मिली है । हमने लाडनूं तहसील में ३०० केन्द्र बनाये
अणुव्रत एवं अणुव्रत-शिक्षक-संसद : अणुव्रत के नैतिक जीवन मूल्य केवल हमारे आदर्श ही नहीं, हमारे संस्थान की नियमावली में ग्रथित हमारी आचार-संहिता भी है। फिर हमने प्रारम्भ में अपने लिये जो न्यूनतम आचार-संहिता बनायी है, उनमें व्यसन-मुक्ति, समय बद्धता, अहिंसात्मक प्रतिरोध की मान्यता एवं सीधे-सादे श्वेत परिधान निहित है जिसके कारण हम लगभग १ लाख शिक्षक बन्धुओं से जुड़ गये हैं।
अहिंसा-वाहिनी या शांति-सेना : यहां अहिंसा की प्रतिध्वनि हो और शांति की शक्ति विकसित हो इसके लिए हम सैन्य विज्ञान या एन. सी. सी. आदि के विकल्प के रूप में अहिंसा-वाहिनी या शांति-सेना के गठन की योजना करेंगे जिन्हें अहिंसात्मक प्रतिरोध के प्रशिक्षण दिये जायेंगे । भविष्य की योजनाएँ : शीध्र ही आगम अध्ययन, पर्यावरण, कम्प्युटर विज्ञान एवं पारिस्थैतिकी का अन्तर्राष्ट्रीय शोध केन्द्र स्थापित किया जायेगा ।
जनवरी-मार्च 1993
जनवरी- मार्च 1993
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