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________________ चोपड़ रो चोगान देख, चतुरां रो चित चकरावे, बडे भाग सौभाग शहर में, पावस-झड़ बरसावै ।। बण्यो हवाई 'हवामहल', त्यूं "त्रिपोलिया" दो तोरो, लम्बी-चौड़ी सड़कों में, हवै सागीड़ो जी सोरो। "रामनिवास" बाग में “सांवण-भादूड़ो" सरसावै, बड़े भाग सौभाग शहर में, पावस-झड़ बरसावै ॥ "मोती डूंगर" रा महलों में, मोजीडो मन भीजै, 'जन्तर-मन्तर' और ना' रगढ़, गीता में गाईजै । ढलतो ही दीस टाइम, जद "गलतो" सहामो आवै, बडे भाग सौभाग शहर में, पावस-झड बरसावै ।। -(माणक महिमा, पृ०-२७) अब आचार्यश्री के श्रीमुख से शिक्षा-वचन सुनिए वरण बिना वाणी यथा, बिना आभरण अंग, नग-सुवरण, व्याकरण बिन, विद्या है बिदरंग । निरवद्या विद्या बिना, वरै न बुद्धि विकास । हृद्या हृदय विमर्षणा, करै सुगुरु सव्यास ।। __ -(कालूयशोविलास, पृ०-७२) आगे तत्व बोध विषयक प्रवचन सुनियेहाथी अंकुश स्यूं नमै रे, पवि स्यूं पर्वक चूर हुवे, छोटी दीपशिखा स्यूं छितितल, छायो तामस दूर हुवै, मोटापण रो मगरूर हुवै, ओ ही तो बडो कसूर हुवे, विजयी विनम्र तप-शूर हुवै, हुवै इंयां ऊडो आलोचन तो जीवन रस पूर हुवै, अन्तर्मन शान्त सनूर हुवै ।।। चाहो जो अपणो उत्थान मान अभिमान निवारो रे, महाबल बाहूबल दृष्टान्त शांत-चित खूब विचारो रे । -(चन्दन की चुटकी भली, पृष्ठ-२९) ऊपर आचार्यश्री के पांचों काव्य ग्रन्थों में से विभिन्न प्रकार के पांच अलगअलग उद्धरण प्रस्तुत किए गए हैं, जिनकी भाषा शैली पर ध्यान देने से प्रकट होता है कि विषय के अनुसार भापकी भाषा साधारण सा रूप परिवर्तन करती है, जैसाकि उचित ही है। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट है कि आपने कहीं भी अपनी कविता को अनावश्यक रूप से अलंकारों से सजाने का कोई प्रयास नहीं किया है और न उसमें कहीं कल्पना की उड़ान ही दृष्टिगोचर होती है । फिर भी श्रुति-मधुरता हेतु अनुप्रास के प्रति आकर्षण अवश्य नजर आता है परन्तु वह भी अस्वाभाविक नहीं है। आपने यत्र-तत्र 'टाइम" तथा "मगरूर" आदि शब्दों के प्रयोग से ही परहेज नहीं किया है । इसके साथ ही यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि आपने "हृदय-विमर्षणा" २१६ तुलसी प्रज्ञा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524572
Book TitleTulsi Prajna 1992 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1992
Total Pages160
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size8 MB
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