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________________ "परम धर्म श्रुति विहित अहिंसा" हमारा भारत एक सवंतंत्र, स्वतन्त्र, गणतन्त्र राष्ट्र है तथा सत्य व अहिंसा सदा इसका प्रमुख मार्ग रहा है। अहिंसा का अर्थ है किसी को भी मन, वचन, कम से कष्ट नहीं पहुंचाना। हिंसा से प्रायः लोग किसी प्राणी की हत्या ही समझते हैं । मुसलमान केवल जंगम वस्तु में प्राण मानते हैं किन्तु हिन्दू चर-अचर सर्वत्र प्राण देखते हैं । भारत में वैदिक काल से ही अहिंसा का प्रमुख स्थान रहा है । महाभारतकार कहता है-अहिंसा परमो धर्मः सर्व प्राणभृतां वर । वेदों में कहीं भी बलि हेतु हिंसा का विधान नहीं है । 'आश्वमेधिक पर्व' में इन्द्र व पुरोहितों में विवाद हुआ बताया गया है कि यज्ञ में पशुबलि दी जाय या यवादि अन्नों से हवन किया जाय । चेदिराज वसु ने कहा जो मिल जाय उसी से यज्ञ करलें । इसलिए वह नरक में गया-ऐसा लिखा अगस्त्य मुनि ने यज्ञ में हिंसा का घोर विरोध किया है । उन्होंने सत्य व अहिंसा अपनाने को कहा जिससे स्वर्ग मिले । वैदिक मान्यता यही है कि हिंसक नरक भोगता है । सम्राट अशोक मौर्य ने भी यज्ञ में पशुबलि का निषेध किया और उसके पौत्र सम्प्रति ने अहिंसा को पराकाष्ठा तक पहुंचा दिया। "परमधर्म श्रुति विहित अहिंसा"- गोस्वामी तुलसीदासजी की यह उक्ति सही है । वस्तुतः 'अज' शब्द का अर्थ यव (जौ) होता है न कि बकरा। उसका गलत अर्थ करके लोगों ने हिंसा फैलाई। महाभारत में लिखा है बोजैर्यज्ञेषु यष्ट व्यमिति वै वैदिको अतिः । अज संज्ञानि बीजानि छागं न घ्नन्तुमर्हथ ।। नैषधर्मः सतां देवा यत्र बध्यते व पशुः । युष्माकमज बुद्धिहि अजो बीजं तदुच्यते ॥ अर्थात् वैदिक श्रुति यह है कि अन्न बीजों से यज्ञ करना चाहिए । 'अज' शब्द का अर्थ बीज ही होता है इसलिए छाग (बकरे) को नहीं मारना चाहिए । यही सज्जन और देवों का धर्म है । हमारी बुद्धि में जड़ता आ गई है जो 'अज' शब्द का गलत अर्थ लेते हैं और पशु बध करते हैं । 'अज' तो बीजों को ही कहते हैं और उन्हीं से यज्ञ करना चाहिए । यज्ञ कर्म पूर्णतया अहिंसक कर्म है। -देवसहाय त्रिवेद २०६ तुलसी प्रज्ञा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524572
Book TitleTulsi Prajna 1992 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1992
Total Pages160
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size8 MB
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