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________________ पत्राक्ष : ७६ १. 'तुलसी प्रज्ञा' के १७वें खण्ड का चतुर्थ अंक मिला। जैकोबी ने जो भाषण ९ मार्च, १९१४ को लाडनूं में के समक्ष दिया था, उसको प्रकाशित कर अपने एक समाज को दी है । इतिहास की अमरबेल ओसवाल में श्री मांगीलालजी भूतोड़िया ने आचार्य श्री कालूगणिजी के परिचय में लिखा है । डॉ० हरमन जैकोबी के अलावा डॉ० एल० पी० टैसीटोरी भी आचार्यश्री से मिला था । डॉ० सीटोरी का कोई पत्र आचार्यश्री के नाम आपके संग्रह में है क्या ? इस अंक में डॉ० हरमन आचार्य श्री कालूगणि नई जानकारी विद्वत् 'तुलसी प्रज्ञा' का प्रत्येक अंक निखार पर है और अनुसंधान - सामग्री से ओत-प्रोत होने के कारण संग्रहणीय हो गया है । - हजारीमल बांठिया पांचाल शोध संस्थान, ५२/१६ शक्करपट्टी, कानपुर- २०८००१ २. 'तुलसी प्रज्ञा' जनवरी-मार्च १९२ प्राप्त हुई । हार्दिक धन्यवाद । आपने इस अनुसंधान पत्रिका को हिन्दी एवं अंग्रेजी खण्डों में न केवल उच्चतर, बौद्धिक स्तर का वरन् शोध सूचना के बहुमूल्य स्रोत का एक अनुपम संग्रह बना दिया है । अत्यंत प्रेरणास्प्रद सामग्री का भी समावेश कर रहे हैं। हार्दिक बधाई | अनुक्रमणिका से ज्ञात हुआ कि आप स्वयं दर्शन के प्रत्येक पक्ष तथा प्राचीन साहित्य के वैज्ञानिक पक्ष एवं 'मूक माटी' जैसे नवीन साहित्य के समीक्षा पक्ष आदि में अध्ययनशील तथा लेखन में अतुलनीय रूप से निष्णात हैं । मुझे पूर्ण आशा एवं विश्वास है कि "तुलसी प्रज्ञा " आपके सम्पादकत्व काल में अप्रत्याशित ऊंचाइयों को छू सकेगी । - प्रो० एल० सी० जैन निदेशक, आचार्यश्री विद्यासागर शोध संस्थान पिसनहारी की मढ़िया, जबलपुर ( म०प्र०) ३. 'तुलसी प्रज्ञा' का जनवरी-मार्च, १९९२ अंक मिला और आद्योपान्त पढ़ गया हूं । निस्संदेह सभी लेख शोध की दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हैं । इसके संपादन तुलसी प्रज्ञा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524570
Book TitleTulsi Prajna 1992 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1992
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size6 MB
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