________________
तुलसीप्रज्ञा-त्रैमासिक अनुसंधानपत्रिका
जनवरी-मार्च बीस रुपये
खण्ड-१७
अंक ४
शुल्क-४५) वाषिक : आजीवन-५०१)
-
-
• 'तुलसी प्रज्ञा' प्रतिवर्ष-मार्च, जून, सितम्बर और दिसम्बर माह के
तीसरे सप्ताह में प्रकाशित होती है । . प्रकाशनार्थ लेख इत्यादि कागज के एक ओर टंकण कराके भेजें।
साधारणतया दस पृष्ठों से बड़ा लेख न हो। जरूरी हो तो विवेच्य विषय दो भागों में विभाजित किया जा सकता है। ० लेख मौलिक और अप्रकाशित होना जरूरी है। कृपया ऐसा कोई
आलेख भी न भेजें जो प्रकाशनार्थ अन्यत्र भेजा गया हो अथवा भेजा जाना हो। ० 'सम्पादक-मण्डल' द्वारा लेखादि में काट-छांट सम्भव है किन्तु भाव
और मंशा को सुरक्षित रखा जावेगा। दुर्लभ फोटो और रेखाचित्र मुद्रित हो सकते हैं। ० प्रकाशन-स्वीकृति दो माह के भीतर भेज दी जाती है। अस्वीकत लेख
लौटाने संभव नहीं होंगे। अतः प्रतिलिपि सुरक्षित रख लें। . लेखादि हिन्दी अथवा अंग्रेजी भाषा में निबद्ध हो सकते हैं; किन्त
आगम और प्राकृत, संस्कृत आदि ग्रन्थों से उद्धरण देवनागरी लिपि में लिखें और उद्धृत-ग्रंथों के संस्करण और प्रकाशन-स्थान भी
सूचित करें। ० समीक्षा और समालोचना के लिए प्रत्येक ग्रंथ की दो-दो प्रतियां
भेजें। • सभी प्रकार के पत्र-व्यवहार के लिए----'सम्पादक, "तुलसी प्रज्ञा"
जैन विश्व भारती संस्थान, लाडनू -३४१६०६' को संबोधित करना चाहिए।
जन विश्व भारती संस्थान, लाडनूं-३४१३०६
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org