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________________ इसी तरह 'आय विभत्ती आय विसोही' में भी वही क्रम चलता है। अपनी बात की पुष्टि के लिए नंदी टीका के अर्थ का उल्लेख करते हैं 'कल्पाकल्प प्रतिपादक अध्ययने ते कल्पाकल्पई' इण लेखे एक सूत्र की ही संभावना है। इसी तरह 'विज्जाचरण विणिच्छओं विद्या और चारित्र का विनिश्चय कराने वाला एक ही शास्त्र है। ३४ अंक की गणना में पांच अंक के शास्त्रों का दो-दो बनाने से संख्या ३४ हुई । पांच ही गिनने से वे २६ ही रह गए । उत्कालिक को संख्या २६ ही है। कालिक सूत्रों की संख्या की मीमांसा करते हुए जयाचार्य ने आगम अधिकार में लिखा है---'किण ही पड़त में इकतीस नाम लिख्या तेहना नाम कहै छ। अन किणहीक पड़ता में ३९ आंक लिख्या तेहनो विवरो कहै छै । दीव पन्नती, दीव सागर पन्नती ३६ में वे आंक लिख्या पिण दीव सागर पन्नती इह एक लिख्यो । ते एक सूत्र संभवै'।। दीव पन्नती, दीव सागर पन्नती अलग-अलग लिखे गये हैं परन्तु दोनों एक ही सूत्र की सूचना करने वाले हैं । अत: दीव सागर पन्नती एक ही सूत्र की संभावना है। वन्नियाणं वहीदसाओ को ३६ में अलग-अलग लिखा गया है। किन्तु वृत्तिकार ने वन्नियाणं का अर्थ नहीं किया है। वहिदशा का अर्थ किया गया है इसलिए दो संख्या वाले ये सूत्र एक ही हैं। इस प्रकार ३६ में २ सूत्र कम होने से ३७ सूत्र ही शेष रह गए। १. उत्तरज्झयणानि १७. वरुणोववाए २. दसाओ १८. गरुलोववाए ३. कप्पो १६. धरणोववाए ४. ववहारो २०. वेसमणोववाए ५. णिसीहं २१. देविदोववाए ६. महाणिसीहं २२. वेलंधरोववाए ७. इसिभासियाई २३. उट्ठाणसुयं ८. जंबुद्दीव पण्णत्ती २४. समुट्ठाणसुयं. ६. दीवसागर पण्णत्ती २५. नागपरिभावणियाओ १०. चंद पण्णत्ती २६. निरयावलियाओ ११. खुड्डिया विमाणपविभत्ती २७. कप्पियाओ १२. महल्लिया विमाणपविभत्ती २८. कप्पडिसियाओ १३. अंगचूलिया २६. पुप्फियाओ १४. वग्गचूलिया ३०. पुप्फचूलियाओ १५. विवाहचूलिया ३१. वहिदसामओ १६. अरुणोववाए ६ सूत्रों की सूचना व्यवहार सूत्र में मिलती है। १. आसीविस भावणाणं ४. सुमिणभावणाणं २. चारण भावणाणं ५. महासुमिण भावणाणं ३. दिट्ठीविस भावणाणं ६. ते अग्गि निसग्गाणं सह १६, अंक १ (जून, ६०) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524562
Book TitleTulsi Prajna 1990 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages74
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size4 MB
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