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________________ रोचक एवं आकर्षक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया । संगीत, कविता, भाषण, कव्वाली और एकाभिनय आदि इसके प्रमुख अंग थे, जो दर्शकों की दृष्टि में काफी सफल रहे । इस अवसर पर डॉ० नथमल टाटिया, श्री गोपीचन्द चोपड़ा, श्री डी० सी० शर्मा एवं वैद्य सोहनलाल शर्मा के सारगर्भित भाषण भी हुये । कार्यक्रम का सफल संयोजन सुश्री शान्ता जैन ने किया । वैशाली से आये हुये विद्वान् प्रो० देवसहाय त्रिवेद का जैन एवं बौद्ध धर्म विषयक ऐतिहासिक खोजपूर्ण भाषण हुआ । श्री त्रिवेद ने चन्द्रगुप्त मौर्य एवं अशोक के जीवन, धर्म एवं शासन को विशेष रूप से स्पर्श किया भाषण के पश्चात् संगोष्ठी में प्रश्नोत्तर द्वारा विषय का विवेचन किया गया । वसन्त पञ्चमी के दिन ब्राह्मी विद्यापीठ (डिग्री कक्षाओं) अध्यापकों के संरक्षण में अनतिदूरस्थ पर्वतीय शिखर अभियान का शिखर पर पहुंचा । प्रकृति की गोद में ऐसी शैक्षणिक यात्राओं का इसी भाँति पारमार्थिक शिक्षण संस्था की कुछ बहनों ने आचार्यश्री के निरन्तर दर्शन एवं सेवा हेतु विहार में भाग लिया । अधुना परीक्षा काल सन्निकट होने से छात्र एवं शिक्षक अध्ययन-अध्यापन में रत हैं । वर्द्धमान ग्रन्थागार की छात्राओं का दल आनन्द उठाता हुआ विशिष्ट महत्त्व है । ग्रन्थालयाध्यक्ष श्री सुबोध कुमार मुखर्जी (कलकत्ता) की देखरेख में ग्रन्थों के वर्गीफरवरी - मार्च ७६ में प्राच्य विद्या करण एवं सूचीकरण का कार्य द्रुतगति से चल रहा है। संबंध करीब सौ उत्तमोत्तम ग्रन्थों की अभिवृद्धि हुई । आलोच्य अवधि में संत-साध्वियों, शोधार्थियों एवं अन्य पाठकों द्वारा विविध विषयों पर ३०० पुस्तकों का अध्ययन किया गया, जिससे ग्रन्थागार की उपादेयता सिद्ध होती है । करके एक अलग "सेल" की स्थापना की ग्रन्थागार हॉल में समस्त खिड़कियों पर व्यवस्था कर दी गई है । युवाचार्य श्री महाप्रज्ञ द्वारा रचित १०० से अधिक पुस्तकों का पूरा सेट संकलित जा रही है । शोधार्थी पाठकों की सुविधा हेतु पर्दे लगा दिये गये हैं एवं रोशनी की समुचित ग्रन्थागार में पुस्तक आगत-निर्गत व्यवस्था के अन्तर्गत "कार्ड पद्धति" (पुस्तक पत्रिका व्यवस्था ) लागू की जा चुकी है । जो सफल सिद्ध हो रही है । ग्रन्थागार से संबद्ध वाचनालय कक्ष में ज्ञानोपयोगी मासिक, साप्ताहिक, दैनिक आदि पत्र-पत्रिकाओं की संख्या ५० से अधिक है । ४६८ साधना विभाग तुलसी अध्यात्म नीडम्, लाडनूं तथा अध्यात्म साधना केन्द्र दिल्ली के संयुक्त तत्त्वावधान में दस दिवसीय "नवम प्रेक्षा ध्यान शिविर" दि० १८ मार्च से २७ मार्च, १६७६ तक आचार्यश्री के सान्निध्य एवं युवाचार्यश्री महाप्रज्ञ के निर्देशन में "अध्यात्म साधना केन्द्र, तुलसी प्रज्ञा
SR No.524517
Book TitleTulsi Prajna 1979 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1979
Total Pages246
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size12 MB
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