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संपन्नता । इन्हीं विशेषताओं से प्रभावित हो आचार्यश्री ने आपका मनोनयन किया है। अभी पिछले महिने आचार्यप्रवर अपने उत्तराधिकारी युवाचार्यश्री महाप्रज्ञ जी को साथ लेकर चुरू पधारे । मैं उस अजीब छटा को देखकर हैरान था। राम और लक्ष्मण की वह साक्षात् जोड़ी मुझे देखने को मिली। हम सब सौभाग्य शाली हैं कि हमें महाप्रज्ञ जी जैसे आचार्य का सानिध्य उपलब्ध हुआ है। श्री बसंतीलाल तलेसरा
उदयपुर तेरापंथ समाज के वरिष्ठ एवं चिन्तनशील कार्यकर्ता श्री बसंतीलाल तलेसरा ने इतिहास की कड़ियों को जोड़ते हुए उदयपुरी भाषा में बोलते हुए कहा-हमें यह सब कुछ नजारे तो तेरापंथ धर्म संघ में ही देखने को मिलते हैं। मुनिश्री नथमल जी बहुश्रुत होने के साथ-साथ ध्यान की सूक्ष्म गहराईयों में पहुंचे हुए हैं। आचार्यश्री ने महाप्रज्ञ जी को अपना उत्तराधिकार देकर धर्म संघ को निश्चित बना दिया है। आपने आगे कहा-इस निर्णय की धर्मसंघ का एक बच्चा भी आलोचना करने की हिम्मत नहीं कर सकता। श्रीमती लाड़ कंठालिया
तेरापंथ महिला मण्डल, उदयपुर की अध्यक्षा श्रीमती लाड़ जी कंठालिया ने अपने श्रद्धा सुमन गीत के माध्यम से प्रस्तुत किए उसकी कुछ कड़ियाँ इस प्रकार हैं
विकसित हम श्रद्धा सुमन लिए तुमसे पा स्नेहदान कितने जल उठे दिए। पा नेतृत्व तुम्हारा संघ सजीव बन गया जग में प्रगति शिखर की ओर बढ़ा दिन रात रुका कब मग में
नव चेतनता रग-रग में, बन कर दिव्य शक्तिधर आज जिये ॥१।। डा० कुन्दनलाल कोठारी
उदयपुर विश्वविद्यालय के पैथोलॉजी विभाग के अध्यक्ष एवं उदयपुर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष डॉ० कुन्दनलाल कोठारी ने अपने संयोजकीय वक्तव्य में कहा—सचमुच हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें महाप्रज्ञ जैसे युवाचार्य के रूप में उपलब्ध हुए हैं । मुनिश्री नथमल जी अगाध पांडित्य के धनी हैं, सहज योगी हैं।
उपसंहार
उदयपुर के इतिहास में यह अभूतपूर्व कार्यक्रम था। सभी के चेहरों पर पुलकन थी नया जोश और नया उल्लास छाया हुआ था। हर चेहरे पर नई आभा खिल रही थी सोंकि आज युवाचार्यश्री महाप्रज्ञ के अभिनन्दन का कार्यक्रम था। तेरापंथी सभा भवन का विशाल प्रांगण खचाखच भरा हुआ था । कार्यक्रम की सर्वत्र सुन्दर प्रतिक्रियाए रही । अनेक दैनिक पत्रों के संवाददाता उपस्थित थे।
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तुलसी प्रज्ञा