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________________ मुनिश्री नथमल जी हिन्दी, संस्कृत आदि भाषाओं के विद्वान हैं और इन्हें युवा आचार्यश्री महाप्रज्ञ के नाम से संबोधित किया जाएगा, यह इनकी विद्वता और पांडित्य के अनुरूप होगा। __ आशा है, श्री नथमलजी समाज में मानवता और समानता का प्रचार करने का प्रयास करते रहेंगे। जगजीवनराम उप प्रधानमंत्री भारत सरकार योग्य गुरु ने योग्य शिष्य की क्षमता को स्नेहपूर्ण सम्मान प्रदान किया है। इससे तेरापंथी धर्मसंघ और भी अधिक विकासोन्मुख बनेगा । सादर अभिवादन भेरूलाल शेखावत मुख्य मंत्री, राजस्थान मुनिश्री नथमलजी तेरापंथ धर्मसंघ के दसवें आचार्य हो गए हैं, यह जानकर प्रसन्नता हुई । ये आचार्यश्री तुलसी के अणुव्रत कार्यक्रम को और गतिशील बनाकर समाज में उनके सिद्धान्तों को प्रतिपादित करने में अपना बहुमूल्य योगदान देंगे, इसी भावना के साथ मैं सम्पूर्ण श्रद्धा सहित अपना सद्भाव प्रेषित करता हूँ। ललित किशोर चतुर्वेदी सिंचाई एवं विद्युत् मंत्री (राज० सरकार) महाप्रज्ञ श्रद्धय मुनि नथमलजी. एक प्रसिद्ध दार्शनिक, चिन्तक, विचारक और लेखक हैं। इनकी रचनाओं ने जैन धर्म, दर्शन और संस्कृति को नए आयाम दिए हैं। इनकी चिन्तना जितनी मौलिक हैं उतनी ही प्रामाणिक, गुढ़ और शास्त्र-सम्मत । ये सचमुच महाप्रज्ञ हैं। __कल्याणमल लोढ़ा अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, कलकत्ता विश्वविद्यालय मुनि नथमलजी आचार्य तुलसी के उत्तराधिकारी बने, यह सुनकर बड़ी प्रसन्नता हुई । योग्य व्यक्ति का योग्य सम्मान हुआ है। मेरा विश्वास है कि मुनिश्री नथमलजी के नेतृत्व में जैन धर्म और समाज की उन्नति और प्रगति होगी। -चिमनलाल सो० शाह सोलिसिटर, बम्बई मुझे यह जानकर बड़ी प्रसन्नता हुई है कि मुनिश्री नथमलजी को आचार्य महाराज श्री तुलसी ने अपने अन्तेवासी को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। मेरी हजारों वन्दना। --- कस्तूर भाई लालभाई, अहमदाबाद खण्ड ४, अंक ७-८ ४१३
SR No.524517
Book TitleTulsi Prajna 1979 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1979
Total Pages246
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size12 MB
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