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आजीवन सदस्यता शुल्क : 201-00 रुपये मात्र,
वार्षिक शुल्क
40
25-00 रुपये,
एक अंक का मूल्य
2-50 रुपये,
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'तुलसी प्रज्ञा' अब तक त्रैमासिक पत्रिका थी, जिसमें केवल शोध लेख ही प्रकाशित किये जाते थे, पर इस अंक से इसे मासिक बनाया जा रहा है। प्रस्तुत अंक युग्मांक के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है ।
तुलसी प्रज्ञा में जैन विद्या के विविध क्षेत्रों में चल रही शोध प्रवृत्तियों से सम्बन्धित शोध निबन्ध एवं अन्य ज्ञानवर्धक सामग्री (कथाएं, कवितायें, मुक्तक, महापुरुषों की
नयां, संस्मरण, संस्था परिचय आदि) प्रकाशित की जायेगी । प्रकाशनार्थ प्रेषित निबन्ध एवं अन्य सामग्री अन्यत्र प्रकाशित नहीं होनी चाहिये । कागज के एक ओर सुस्पष्ट रूप से हस्तलिखित या टंकित होना चाहिए। साथ में लेखक अपना परिचय भी भेजें ।
जैन विद्या की विविध विधाओं से सम्बद्ध विषयों पर विश्वविद्यालयों के द्वारा स्वीकृत शोध महानिबन्धों के सारसंक्षेप भी प्रकाशनार्थ भेजे जा सकते हैं ।
'साहित्य-समीक्षा' स्तम्भ के अन्तर्गत समीक्षार्थ भेजी जाने वाली पुस्तक की दो प्रतियाँ प्राप्त होनी चाहिए ।
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नोट :- यह आवश्यक नहीं है कि इस अंक में प्रकाशित लेखों में उल्लिखित विचार सम्पादक
अथवा संस्थान को मान्य हों ।
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