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अधकधिचामलकृतकटबन्ध रहा.माणिक
नुवाद-दरससरसपारसपरस-घनरे रतनदा-घटनशरयंकटार गत का
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सवयचौकी बन्यकवितपनाकरी जगत जिदानशाज गारनिरालय सिन्धुनववारिसमजावित रजिनशान रतावितांgaa घटासनाचकी सीता की ।।
तीनच सिमपुत्ववाती-जावकलेसशाकादाभानर ।
हान र ५ मानबदन
मना किमान
१. चौकी प्रबन्ध कवित्त घनाक्षरी
२. ऋषि चांदमल कृत मुकुट बन्ध
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