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________________ ६. श्री रायचन्द जी जीतमल जी व माणकचन्द जी बंद ७. श्री कृपाचन्द जी यति । इसके अलावा जैन विश्व भारती की कृषि भूमि को आबादी में परिवर्तित कराने का प्रयत्न भी चालू है । हिसाब-किताब : __ जैन विश्व भारती के हिसाब-किताब वगैरह पहले तो श्री भंवरलाल जी दूगड़ देखते थे बाद में श्री बच्छराज जी पगारिया इसे सम्भालते रहे । अभी श्री चम्पालाल जी दूगड़ इसे देखते हैं। गत वर्ष मार्च मास तक के हिसाब आडिट हो गये हैं। आडिट रिपोर्ट आपके सामने है । आडिट में सभी हिसाब ठीक पाये गये हैं । आयकर रिटर्न भर दिये गये हैं। आयकर रियायत के नवीनीकरण के लिये प्रयास जारी है। ( पीछे से आयकर रियायत का नवीनीकरण ३१-३-७६ तक का होकर आदेश कार्यालय को मिल चुका है। ) इस वर्ष लाडनू स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर में एक बचत खाता खोला गया है जिसमें ११,००१) रुपये जमा दिये गये हैं। हिसाब-किताब का सारा कार्य स्थाई कर्मचारी श्री चांदमल भोजक कर रहे हैं। जहां तक मैंने उनको देखा व परखा है-वह कार्यकुशल हैं। जैन विश्व भारती कार्यालय : ___ गत पांच वर्षों से कार्यालय सचिव श्री रामस्वरूप जी गर्ग की देखरेख में कार्यालय का कार्य बड़े सन्तोषजनक ढंग से चल रहा है। कार्यालय को निजी भवन में शिफ्ट करते समय, श्री गोयनकाजी के शिविर सम्बन्धी दिनों में तथा भवनों के उद्घाटन आदि दिनों में अत्यधिक भार इस कार्यालय कर्मचारियों पर कार्य का रहा है। उन दिनों में बाहर के पत्रों आदि का उत्तर देने में कुछ विलम्ब हुआ है। कार्य सचिव की सहायता के लिये एक टाइपिस्ट श्री हीरालाल भाटी सेवा में नियुक्त हैं। टाइप कार्य के अलावा जो भी कार्य इन्हें दिया जाता है वे कुशलता से करते हैं। एक स्थायी चपराप्ती श्री सचियालाल नाई व एक अस्थाई क्लर्क श्री तेजकरण बोथरा अभी सवैतनिक कार्य कर रहे हैं। सदस्यता: ___ संस्था की सदस्यता-वृद्धि की तरफ ध्यान दिया जाना चाहिये । गत १० जुलाई १६७४ को संस्था की सदस्यता संख्या इस प्रकार थी : संरक्षक सदस्य २० आजीवन सदस्य ८२ साधारण सदस्य ३२ कुल १३४ आज दिन संस्था की सदस्य संख्या इस प्रकार है : तुलसी प्रज्ञा-३ ६५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524503
Book TitleTulsi Prajna 1975 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Gelada
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1975
Total Pages116
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size7 MB
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