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________________ पं० श्री मूलचन्द्र जी लुहाड़िया, डॉ. रमेशचन्द जैन, प्राचार्य । ग्रामीणों के लिये की जाय, ताकि पारसनाथ क्षेत्र के लोगों के जीवन में खुशहाली आवे एवं उनकी आमदनी बढ़े ताकि वे लोग अपना जीवन स्तर बढ़ा सकें । निहाल चन्द्र जैन, प्रो० ऋषभ प्रसाद जैन, डॉ० शीतल चन्द जी जैन, डॉ० शेखर चन्द जैन प्राचार्य, अभय कुमार जैन एवं जैन गजट के यशस्वी सम्पादक श्री कपूर चन्द जी पाटनी ने की। विभिन्न सत्रों का सफल संयोजन कार्य प्रो. फूलचन्द्र जैन प्रेमी, पं० सिद्धार्थ कुमार जैन, पं० महेश जैन, डॉ० सुरेन्द्र भारती, ब्र० धर्मेन्द्र जैन, डॉ० अशोक कुमार जैन, श्री अनूप चन्द्र जी, एवं ब्र० राकेश भैया ने किया। प्रस्ताव 2- श्रीसेवायतन के निर्माणाधीन भवन में कम से कम 8 कमरे आंध्रप्रदेश से बनाने का निर्णय लिया गया एक तल्ले में आठ कमरे ही हैं। अतः इस तले का नामकरण 'हैदराबाद ब्लॉक' रखा जाएगा। इसके निर्माण के लिए श्री मानिकचन्द चौधरी, श्री एस० पी० जैन, श्री राकेश जैन, श्री आनन्दीलाल बाकलीवाल एवं श्री उल्लासचन्द्र बाकलीवाल ने एक एक कमरे की स्वीकृति प्रदत्त की है जिसके लिए यह समिति उनको धन्यवाद ज्ञापति करती है। अन्य 3 कमरों की व्यवस्था की जा रही है। संगोष्ठी के विभिन्न सत्रों में इन विद्वानों के साथ ही ब्र० जिनेश भैया, डॉ० श्रेयांस सिंघई, प्रो० के. निलिन शास्त्री, प्रो. सुदीप जैन, ब्र. संजीव भैया, डॉ. कमलेश कुमार जैन जयपुर, ब्र. बहिन सुचिता जैन, डॉ. कमलेश कुमार जैन वाराणसी, पं० पंकज जैन, ब्र. अन्नु भैया, श्रीमती डॉ. मुन्नी पुष्पा जैन, विकास जैन ने अपने शोधालेख प्रस्तुत किए। संगोष्ठी का संयोजन कार्य ब्र. राकेश जैन एवं प्रो. फूल चन्द्र जैन ने सफलता के साथ किया । देवेन्द्र कुमार जैन अजमेरा, गया आंध्रप्रदेश श्रीसेवायन समन्वय समिति, हैदराबाद हाल ही में हैदराबाद स्थित राजधानी होटल के सभागृह में श्रीसेवायतन के अध्यक्ष श्री एम० पी० अजमेरा की अध्यक्षता में आन्ध्रप्रदेश श्री सेवायतन समन्वय समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में सर्वप्रथम श्री सेवायतन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री एम० पी० अजमेरा ने श्री सेवायतन द्वारा ग्रामीण विकास एवं मानवसेवा के हितार्थ अनेकानेक कार्य, जो श्री सम्मेद शिखरजी मधुबन पंचायत के 14 ग्रामों में किए गए हैं अथवा किए जा रहे हैं, उनके संबंध में सभी सदस्यों को जानकारी दी। श्री सेवायतन की प्रदेश इकाई के गठन की आवश्यकता की विस्तृत जानकारी दी। प्रदेश ईकाई के अध्यक्ष श्री सुनील पहाड़े ने राज्य इकाई के सभी सदस्यों से अनुरोध किया कि अपने पावन पवित्र तीर्थ श्री सम्मेद शिखर जीके आसपास बसे 14 ग्रामों के विकास के लिए हमें अपने दायित्वों को पूरी निष्ठा के साथ पूरा करना है तथा समाज के सभी लोगों का सहयोग लेना है। विचार विमर्शोपरान्त निम्नलिखित प्रस्ताव पारित किए गए प्रस्ताव 1- निर्णय लिया गया कि आंध्रप्रदेश से कम से कम 151 गायों की व्यवस्था इन 14 ग्रामों के 32 नवम्बर 2008 जिनभाषित Jain Education International प्रस्ताव 3 - श्री सम्मेद शिखर जी क्षेत्र में अवस्थित 14 ग्रामों में से कम से कम 20 होनहार छात्रों का चयन कर उनकी सम्पूर्ण शिक्षा एवं पूर्ण व्यवस्था की जिम्मेदारी श्री सेवायतन लेगी एवं आंध्रप्रदेश समिति सहयोग करेगी। छात्रों के चयन के लिए श्री एम० पी० अजमेरा- श्रीसेवायतन के माननीय अध्यक्ष से अनुरोध किया गया। प्रस्ताव 4- आंध्रप्रदेश राज्य इकाई की महिला प्रमुख श्रीमती कांता पहाड़े ने कहा कि शीघ्र ही सम्मेद शिखरजी की यात्रा करने का कार्यक्रम बनाया जाएगा एवं 14 ग्रामों का भ्रमण कर मानवसेवा में योगदान दिया जाएगा एवं महिला मण्डल इस सेवा कार्य के कार्यों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रस्ताव 5- बैठक में सभी सदस्यों ने प्रतिज्ञान लिया कि हम सब मिलकर विश्व विख्यात् तीर्थ स्थल क्षेत्र की पवित्रता बनाए रखने के लिए तथा 14 ग्रामों में रहनेवाले ग्रामीणों को सात्त्विक एवं आत्मनिर्भर करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। प्रस्ताव 6- निर्णय लिया गया कि समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील पहाड़े एक पत्र लिखकर समाज के सभी महानुभावों को अनुरोध पत्र भेजें कि मांगलिक अवसरों पर, यथा जन्मदिन, शादी अन्य अवसरों पर एक जन्म दिन, शादी या स्वर्ण, रजत जयंती एवं अन्य अवसरों पर श्रीसेवायतन संस्थान के लिए दान की राशि अवश्य घोषित करें । For Private & Personal Use Only सुनील पहाड़े आन्ध्रप्रदेश श्रीसेवायतन समन्वय समिति हैदराबाद www.jainelibrary.org
SR No.524333
Book TitleJinabhashita 2008 11
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2008
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size4 MB
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