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समाचार
हाईकोर्ट का सवाल अल्पसंख्यक कौन? । संविधान के अनुच्छेद २५ से ३० तक सभी नागरिकों
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने धार्मिक अल्पसंख्यक | को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है। देश के बँटवारे की मान्यता व अल्पसंख्यक परिभाषित करने के मानदंड | के समय का सांप्रदायिक भय एवं असुरक्षा की भावना का संबंधी सवालों का हल ढूंढने के लिए भारत सरकार से | अब अंत हो चुका है। अल्पसंख्यक के नाम पर संरक्षण देना संविधान लागू होते समय देश की कुल आबादी सहित | क्या भारत में बहुराष्ट्रीयता के बीज का प्रदर्शन नहीं है? अल्पसंख्यक समुदायों की जनसंख्या तथा २००१ की। ऐसे ही कई सवालों के जवाब तलाशने के लिए जनगणना में अल्पसंख्यकों की जनसंख्या का ब्योरा माँगा है। न्यायालय ने विभाजन से अब तक के जनसंख्या की स्थिति साथ ही अल्पसंख्यकों की खस्ता हालत बयान करने वाली | एवं जाति धर्म आधारित अल्पसंख्यक की गणना का ब्योरा सच्चर कमेटी की रिपोर्ट भी पेश करने का निर्देश दिया है।। माँगा है। इन सभी सवालों के जवाब पर बहस २२ जनवरी
न्यायालय ने इस बाबत राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग | को होगी। के चेयरमैन को नोटिस जारी की है। भारत सरकार के गृह
दैनिक जागरण, झाँसी मंत्रालय एवं महानिदशेक जनगणना विभाग की तरफ से
२१ दिसम्बर २००६ से साभार भारत के अपर सालीसिटर जनरल डॉ. अशोक निगम द्वारा उच्चतम न्यायालय द्वारा श्री केसरियाजी क्षेत्र जैन नोटिस स्वीकार कर लेने के पश्चात् न्यायालय ने केन्द्र धर्मावलिम्बयों का होने का निर्णय सरकार, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग व राज्य सरकार से माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय दिनांक जवाब तलब किया है और तत्संबंधी याचिका की अगली ४ जनवरी २००७ में समस्त तथ्यों एवं राजस्थान उच्च सुनवाई की तिथि २२ जनवरी तय की है।
न्यायालय के निर्णय की विवेचना करते हुए कहा है कि श्री यह आदेश जारी करते हुए न्य
ऋषभदेव मन्दिर केसरियाजी अविवादितरूप से जैन श्रीवास्तव ने अंजुमन मदरसा नूरुल इस्लाम देहरा कैन गाजीपुर | धर्मावलिम्बयों का है और इस पर किसी अन्य धर्म का दावा की प्रबंध समिति की याचिका खारिज कर दी। उल्लेखनीय | बेबुनियाद है। है कि संविधान के अनुच्छेद २९ व ३० में अल्पसंख्यकों को सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा है कि श्वेताम्बर विशेष संरक्षण देने का उल्लेख किया गया है किन्तु | और दिगम्बर जैन सम्प्रदायों ने श्री केसरियाजी क्षेत्र अपना अल्पसंख्यक किसे माना जायेगा इसे पारिभाषित नहीं किया | होने का दावा किया है। इस पर कोई निर्णय न देते हुए गया है।
विधिसम्मतरूप से राजस्थान सरकार को ४ महीने के अन्दर कितनी फीसदी आबादी वाला समुदाय या लोगों का तय करने का आदेश दिया है। राजस्थान उच्च न्यायालय ने ग्रुप अल्पसंख्यक माना जायेगा। क्या ४९ फीसदी आबादी | जो दिशानिर्देश इस संबंध में दिए हैं, उनके आधार पर पर भी अल्पसंख्यक माना जायेगा? ऐसे ही कई सवाल उठ | राजस्थान सरकार इसका निर्णय करेगी। खड़े हुए हैं। न्यायालय ने अल्पसंख्यक की परिभाषा सहित
डॉ. विमल जैन इसकी मान्यता के मानदण्ड, राष्ट्रीय, प्रांतीय, मंडलीय स्तर
अनुमोदित प्रस्ताव पर इनकी पहचान क्या होगी? क्या देश की आबादी की ५ श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ संरक्षिणी महासभा फीसदी जनसंख्या रखने वाले लोग अल्पसंख्यक माने जायेंगे, | की आवश्यक बैठक दिनांक २० जनवरी २००७ को महासभा जैसे सवालों के जवाब आयोग और सरकार से माँगे हैं। | कार्यालय ६०९, भण्डारी हाऊस, ९१, नेहरू प्लेस, नई दिल्ली
न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय के टी.एम.ए. पई | ११००१९ में सम्पन्न हुई। यह बैठक केसरियाजी केस में फाउंडेशन व वाल पाटिल केस के हवाले से कहा है कि | उच्चतम न्यायालय के निर्णय के संदर्भ में हुई। सभी ने क्या ऐसा समुदाय या लोगों का ऐसा समूह है जिसके अधिकारों | सुप्रीम कोर्ट के निर्णय, जिसमें निर्णित किया गया है कि यह की अन्य बहुसंख्यक ग्रुप के लोगों से सुरक्षा करने की | मन्दिर अविवादितरूप से जैनों का है, इसका स्वागत किया। जरूरत है?
- फरवरी 2007 जिनभाषित 29
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