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________________ दिगंबर जैन मुनि के संबंध में मार्कोपोलो के विचार FU Romamalin aantabaikare mewherawad HAWANT Fema Companind सुरेश जैन, आई.ए.एस. वाशिंगटन, डी.सी., यू.एस.ए. माइकेल यमशिता ने 700 वर्षों से प्रकाशित अंतर्राष्ट्रीय स्तर की के पश्चात् मार्कोपोलो द्वारा स्थापित महत्त्वपूर्ण पत्रिका नेशनल ज्योग्रेफिक मार्ग पर पुनः चलकर मार्कोपालों खण्ड 200 क्रमांक - 1 जुलाई 2001 द्वारा उल्लेखित 76 वर्षीय दिगंबर के अंक में लेखक श्री माइक एडवर्ड, जैन साधु के मुम्बई के जैन मंदिर सहायक संपादक एवं छायाकार की में दर्शन किए और उनका माईकेल यमशिता ने Marco Polo आशीर्वाद प्राप्त किया। मार्कोपोलो Journey Home,Part-III के नाम ने ऐसे व्यक्तियों का अपनी पुस्तक से अपना आलेख प्रकाशित किया है। में वर्णन किया है, जिन्होंने संसार इस आलेख में उन्होंने पृष्ठ 44-45 को त्याग दिया। अतः माइक पर दिगंबर जैन मुनि का चित्र प्रकाशित एडवर्ड और माइकेल यमशिता करते हुए दिगंबर जैन मुनि के संबंध ने ऐसे साधु की खोज की। में 700 से अधिक वर्ष पूर्व लिखित । अमेरिका प्रवासी श्री यशवंत मार्कोपोलो के निम्नांकित विचार | मलैया, दमोहवालों ने इस संदर्भ उद्धृत किए है : | की जानकारी ई-मेल से हमें प्रेषित की है। हम उनके प्रति "We go naked because we wish noth अनुगृहीत हैं। हमने इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ फारेस्ट ing of this world." Thus Marco quotes a holy मैनेजमेन्ट, भोपाल के पुस्तकालय से संबंधित अंक प्राप्त man similar to this sadhu in Bombay, who has not worn clothes in 16 years. He owns कर इस आलेख का अध्ययन किया और यह महत्त्वपूर्ण only a bowl and a feather duster. "It is a एवं ऐतिहासिक जानकारी सभी शोधार्थियों और विद्वानों की great wonder how they do not die," Marco जानकारी हेतु प्रसारित की जा रही है। 700 वर्ष पूर्व तत्कालीन wrote. जैन मुनि द्वारा मार्कोपोलो को दिया गया यह कथन कि "हम Blessed Moment नग्न हो जाते हैं, क्योंकि हम इस विश्व से कुछ नहीं चाहते हैं" Close encounter in the foot steps of | जैनधर्म और संस्कृति में वर्णित मुनिधर्म का सहज और Marco Polo. सरल शब्दों में निष्कर्ष प्रस्तुत करता है। दूसरी ओर मार्कोपोलो Photographer Michael Yamashita re- | का कथन कि "यह बड़ा आश्चर्य है कि मृत्यु से वे कैसे बच ceived a blessing with no disguise from a पाते है" दिगंबर जैन मुनि की कठिन तपश्चर्या का सार 76 years old sadhu at a temple in Mumbai प्रस्तुत करता है। (Bombay), India. The sadhu also uses the feather duster to clean his platform. "We यहाँ यह उल्लेखनीय है कि इस पत्रिका में प्रकाशित sought him out because Marco Polo de- | वर्तमान जैन मनि के चित्र के ऊपर श्री भारतवर्षीय दिगंबर scribed people who renounce wordly pos जैन (धर्म संरक्षिणी) महासभा की विज्ञप्ति प्रदर्शित है। इस sessions," says mike. विज्ञप्ति में महासभा, जैन गजट, जैन महिलादर्श और जैन मार्को पोलो ने सन् 1291 में भारत की यात्रा की थी।| बालादर्श के सदस्य बनने के लिए प्रेरित किया गया है। उसने अपनी विश्वप्रसिद्ध ऐतिहासिक पुस्तक The De- | दिगंबर जैन मुनि के इस चित्र के माध्यम से यह विज्ञप्ति भी scription of the world में दिगंबर जैन मुनि के संबंध में | सम्पूर्ण अंतर्राष्ट्रीय जगत् में प्रचारित और प्रसारित हो रही है। उपरिलिखित विचार अंकित किए हैं। माइक एडवर्ड और | आध्यात्मिक जगत से जुड़े हुए जानकार व्यक्ति उन जैन 22 सितम्बर 2006 जिनभाषित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524309
Book TitleJinabhashita 2006 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2006
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size5 MB
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