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________________ समाचार अतिशय क्षेत्र पदमपुरा का मेला सानंद सम्पन्न | दयोदय पशु सेवा केन्द्र (गौशाला ) सेसई, सम्मानित (जयपुर) श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र पदमपुरा- (शिवपुरी) गौसेवा एवं पशु संवर्द्धन बोर्ड के अध्यक्ष जयपुर का विशाल मेला वार्षिकोत्सव ८ व ९ अक्टूबर ०५ | श्री मेघराज जी जैन, बोर्ड के सदस्य श्री पदम बरैया द्वारा को क्षेत्र परिसर में विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों | दयोदय पशु सेवा केन्द्र (गौशाला) सेसई का अवलोकन के साथ सम्पन्न हुआ। जिसमें चौबीस तीर्थंकर विधान मण्डल | किया गया, सेसई गौशाला के महामंत्री श्री चंद्रसेन जैन ने पूजा, व्रत का महत्त्व नाटक का मंचन किया गया। विधान विस्तृत रूप से गौशाला एवं अन्य आगामी योजनाओं की समाप्ति के अवसर पर रथ यात्रा विभिन्न मार्गों से होते हुए जानकारी देते हुये गायों को भी दिखाया, अतिथि द्वय ने पूर्ण लवाजमें के साथ निकाली गई। जिसका स्वागत गौशाला एवं वहाँ की व्यवस्थाओं को देखकर महामंत्री सहित श्रद्धालुओं ने आरती उतार किया, रथ यात्रा का समापन स्टॉफ की सराहना की। श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान के कलशाभिषेक के साथ हुआ। आयोजन कर्ता श्री ओमकार लाल जैन आयकर अधिकारी ज्ञानचन्द्र झांझरी ने बोर्ड के अध्यक्ष श्री मेघराज जी सहित सातों जैन मंदिर के शाहदरा दिल्ली में षष्ठ ज्योतिष प्रशिक्षण शिविर अध्यक्षों का सम्मान किया एवं गौवंश के संरक्षण संवर्द्धन के सानंद सम्पन्न बारे में विस्तृत जानकारी दी। और कहा कि सेसई की परमपूज्य उपाध्याय रत्न श्री १०८ ज्ञानसागर जी महाराज | गौशाला जिले भर में सुचारु रूप से संचालित है। की प्रेरणा से एवं ज्योतिषविज्ञ पं. गजेन्द्र जी जैन, पं. कुलभूषण सुरेश जैन मारौरा जी, पं. जयन्तकुमार जी के निर्देशन में षष्ठ ज्योतिष प्रशिक्षण नेशनल सेमिनार ऑन जैनोलोजी : एक शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें मुरैना, मथुरा, सांगानेर, ऐतिहासिक सफलता बनारस एवं अन्य स्थानों के ७५ विद्यार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। परमपूज्य सराकोद्धारक शाकाहार प्रवर्तक उपाध्याय रत्न सचिन जैन श्री १०८ ज्ञानसागर जी महाराज की पावन प्रेरणा एवं सान्निध्य में इतिहास अध्ययनशाला, जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर डॉ. कमलेशकुमार जी को मातृशोक एवं श्रुतसंवर्द्धन संस्थान, मेरठ तथा जैनमिलन, ग्वालियर के (वाराणसी) काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में जैन बौद्ध संयुक्त तत्त्वावधान में "जैनविद्या" पर २६-२७ नवंबर २००५ दर्शन विभाग के रीडर एवं जैन जगत् के सुप्रसिद्ध विद्वान् को एक द्विदिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन स्टेट डॉ. कमलेशकुमार जैन वाराणसी की माँ श्री मती जानकीबाई इन्स्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेनेजमेंट एण्ड कम्यूनिकेशन सिटी जैन (कुलुवा) का १७. ११. २००५ को दोपहर ११.४५ बजे सेन्टर, ग्वालियर के सभागार में सुबह १० बजे विधिवत् जिनेन्द्र देव का स्मरण करते हुए स्वर्गवास हो गया। वे ८५ सम्पन्न हुआ। यह एक ऐतिहासिक आयोजन था। इस वर्ष की थीं। आयोजन की खास बात यह रही कि जीवाजी विश्वविद्यालय __ आप मिलनसार, मृदुभाषी एवं धर्मपरायण के साथ के अंतर्गत सर्वप्रथम जैनविद्या पर स्वतंत्र रूप से इस विशाल साथ सादा जीवन उच्च विचार रखने वाली महिला थी। आप सेमिनार का आयोजन हुआ, जिसमें अंर्तराष्ट्रीय स्तर के विद्वानों अन्त समय तक जिनेन्द्रदेव का स्मरण करती रहीं। आप ने जैनधर्म की विभिन्न विधाओं पर अपने विचार प्रस्तत अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गयी हैं। किये। सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण यह है कि इस द्विदिवसीय आयोजन ____ आपके निधन पर अनेक विद्वानों, शुभचिंतकों, मित्रों में विद्वानों को परम पूज्य उपाध्याय रत्न ज्ञानसागर जी महाराज रिश्तेदारों आदि ने गहरा शोक व्यक्त किया है। इस अवसर का सान्निध्य एवं मंगल प्रवचनों का लाभ प्राप्त हुआ। इस पर श्री स्याद्वाद महाविद्यालय में आयोजित शोकसभा में सेमिनार के संयोजक डॉ. एस. के. द्विवेदी, समन्वयक इतिहास श्रद्धांजलि अर्पित की। सुनील जैन संचय | अध्ययनशाला, जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर थे। 46 / जनवरी-फरवरी 2006 जिनभाषित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524304
Book TitleJinabhashita 2006 01 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2006
Total Pages52
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size6 MB
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