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भी ज्यादा समय से सोया नहीं है और डाक्टरों के मुताबिक | शाल प्रशस्ति पत्र व प्रतीक चिन्ह भेंट किया जाएगा। वह बिल्कुल तंदुरुस्त है। कैमेकेशिस्र्की के फ्योडोर नेस्टरचक अजमेर में शान्तिनाथ जिनालय का भव्य शिला के अनुसार वह लगभग बीस साल पहले आखिरी बार
स्थापना समारोह सोया था। उसका कहना है कि उसे तो वह तारीख भी ठीक श्री 1008 शान्तिनाथ दिगम्बर जैन धर्मार्थ प्रन्यास के से याद नहीं है, कि वह कब आखिरी बार सोया था। फ्योडोर | अंतर्गत आज दिनांक 4 फरवरी, 05 को सिविललाइन्स, ने बताया कि यह अपने आप ही शुरू हुआ। एक रात उसे अजमेर में आध्यात्मिक योगी प.पू. संत शिरोमणि आचार्य नींद नहीं आ रही थी, उसने सोने की बहुत कोशिश की,
| 108 श्री विद्यासागर जी महाराज के शुभाशीर्वाद से उनकी लेकिन वह सो न सका और तब से आज तक नहीं सो
सुशिष्या प.पू. आर्यिका श्री 105 पूर्णमति माताजी ससंघ के पाया। उसे खद भी नींद न आने का कारण अब तक समझ
पावन सानिध्य में सिवनी के दस प्रतिमाधारी ब्र. अशोक में नहीं आया। उसने उबाऊ किताबें पढ़कर भी सोने की
भैया के प्रतिष्ठाचार्यत्व में सर्व श्री अजीत शास्त्री, कुमुदचंद कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। फ्योडोर के
सोनी, जयचंद राजाखेडा के सहयोग से श्री शान्तिनाथ जिनालय अनुसार अब वह जागने का अभ्यस्त हो चुका है। वह कहता है कि रात में जब सभी लोग सो रहे होते हैं, तब वह
का शिला स्थापना समारोह का भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ। अच्छी किताबें पढ़ता है। उसे सुलाने के डॉक्टरों द्वारा किए
भोपाल के चन्द्रसेन जैन के काव्यमय मंच संचालन में अ.भा. गए सारे प्रयास असफल रहे। उसके डॉक्टर फ्योडोर कोशेल
| दि. जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी, श्री अतिशय क्षेत्र श्रीमहावीरजी व ने बताया कि उसके अनिद्रा का कोई कारण समझ नहीं
| बाहबली महामस्तकाभिषेक समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री आता। शायद यह किसी पुरानी बीमारी के कारण हो, लेकिन नरेश कुमार सेठी द्वारा ध्वजारोहण, कुमारी श्रद्धा अजय वह चिकित्सकीय रूप से सामान्य है।
दनगसिया द्वारा सुन्दर मंगलाचरण एवं श्री मूलचन्द लुहाडिया, दैनिक भास्कर गुरूवार, 20 जनवरी मदनगंज द्वारा अन्य सहयोगीयों के साथ प.पू. आचार्य 108
श्री विद्यासागर जी महाराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन 19 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार
के बाद उन्होंने ही जिनालय के प्रशस्ति पत्र का वाचन किया। नई दिल्ली, 18 जनवरी, अदम्य साहस का परिचय
हीराचंद जैन देते हुए दूसरों की रक्षा करने वाले 19 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2004 के लिए चुना गया है। भारतीय तीर्थकर ऋषभदेव विद्वत महासंघ द्वारा पुरस्कार बाल कल्याण परिषद द्वारा चयनित पाँच लड़कियों और 14 परम पूज्य आर्यिका ज्ञानमती माता जी के सानिध्य में लड़कों को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 25 जनवरी को | भगवान पार्श्वनाथ त्रिसहस्त्राब्दि महोत्सव का उद्घाटन राष्ट्रीय समारोह पूर्वक सम्मानित किया। पुरस्कार समिति की अध्यक्ष | स्तर पर 6 जनवरी 2005 को बनारस में हुआ। इसी अवसर विद्या वेन शाह ने मंगलवार के यहाँ इन पुरस्कारों की घोषणा | पर शताधिक विद्वानों के मध्य तीर्थंकर ऋषभदेव विद्वत की। इन चयनित बच्चों में कर्नाटक से विनोद आर.जैन का महासंघ का अधिवेशन आयोजित किया गया। जिसमें महासंघ भी चयन हुआ है।
के अध्यक्ष डॉ. शेखर जैन अहमदाबाद महामंत्री डॉ. अनुपम जैन समाज के लिए गौरव बालक विनोद आर. जैन के | जैन इन्दौर मंत्री अभय प्रकाश जैन ग्वालियर ने श्री सुरेश जैन इस राष्ट्रीय चयन पर उसके मंगल भविष्य की कामना की मारौरा शिवपुरी एवं रामजीत जैन एडव्होकेट ग्वालियर को जाती है।
वर्ष 2004 में जैन धर्म की शिक्षा, संस्कृति, अहिंसा पर किये
गये कार्यों हेतु पुरस्कार की घोषणा की। यह पुरस्कार पूज्य नेमिचन्द्र जैन को शलाका सम्मान
माताजी के सान्निध्य में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर नई दिल्ली, प्रख्यात कवि, आलोचक व रंगकर्मी शाल, श्रीफल 11000 रू. राशि के साथ प्रदान किया जावेगा। पद्यश्री नेमिचन्द्र जैन को हिन्दी भाषा और साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए हिन्दी अकादमी का वर्ष 2004-05 का | भाग्योदय तीर्थ में विश्वशान्ति हेतु सोलह दिवसीय सर्वोच्च, शलाका-सम्मान प्रदान किया जाएगा। सम्मान स्वरूप
शांति विधान उन्हें एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रूपये नगद, संतशिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज 46 फरवरी-मार्च 2005 जिनभाषित
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