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________________ बाल्व चौड़ा हो जाता है तथा उसमें पानी आ जाता है। थाइराइड तथा दिमागी परेशानी होती है। सोने का सर्वोत्तम तरीका बायीं करवट सोने से रीढ की हड्डी में तनाव नहीं होता, खून का दवाव सही रहता है, कोई बीमारी नहीं होती । 90% लोग बायीं करवट सोते है पर गलत तरीके से 2% उलटे सोते है, 5% सीधे सोते हैं, तथा 3% लोग दायीं करवट से सोते हैं। बायीं करवट सोना चाहिए पैर थोड़े से झुकाव लिए शरीर की आकृति धनुषाकार हो तथा दाहिना हाथ कमर व पैरों के ऊपर तथा बाया हाथ सिर के समानान्तर ऊपर की तरफ मुड़ा हुआ होना चाहिए। सिर के नीचे हाथ नहीं रखना चाहिए। सिर के नीचे बाया हाथ रखने से तथा बायां पैर आगे करने से लकवा, दिमागी परेशानी, श्वांस संगंधी रोग तथा हाई वी.पी. हो सकता है। कुर्सी पर बैठकर पैर पर पैर रखने तथा एक पैर पर खड़े रहने की आदत यदि है तो उसे कमजोरी व थकावट होती है । हमेशा दोनों पैरों पर खड़े होना चाहिए। यदि ऐसे में थक जाओ तो पहले दाहिने पैर पर, फिर बायें पैर पर खड़े रहना चाहिए। दिगम्बर जैन समाज के अग्रणी दानदाता मुनिभक्त सेठ श्री रतनलाल जी कंवरलाल जी पाटनी के सुपौत्र श्री अशोक कुमार जी पाटनी के सुपुत्र चि. विनीत ( मै. आर. के. मार्बल, मदनगंज किशनगढ़) तथा आगरा के सुप्रसिद्ध मुनिभक्त, दानदाता, बैनाड़ा परिवार के श्री हीरालाल जी बैनाड़ा की सुपुत्री सौ. शुचि का मंगल परिणय दिनांक ३ फरवरी २००५ की मंगलमय बेला में आगरा में संपन्न हुआ । विवाह में भारत के उपराष्ट्रपति महामहिम श्री भैंरोसिंह जी शेखावत दिल्ली, श्री दि. जैन महासभा के अध्यक्ष श्री निर्मल कुमार जी सेठी, पटनी कम्प्यूटर्स लिमिटेड के चेयरमैन श्री गजेन्द्र पाटनी, सुभाष प्रोजेक्ट लिमिटेड के श्री पूनमचंद जी 34 फरवरी-मार्च 2005 जिनभाषित Jain Education International चलना : स्वभाविक चाल से चलना चाहिये । प्रत्येक मनुष्य को कम से कम आधा घंटा अवश्य चलना चाहिए, इससे कमजोरी नहीं होती है । जिन्हें सिकुड़ कर सोने की आदत है उन्हें आँखों में खुजली, जलन, कम दिखाई देना तथा हार्निया आदि शिकायतें हो सकती हैं। सीने पर हाथ पर कर सोने से बुरे सपने आते हैं। हाथ सिर के नीचे या ऊपर रखकर सोने की आदत से बच्चेदानी का मुँह ऊँचा हो जाता है, हिप तथा पेडू का हिस्सा भी ऊँचा हो जाता है, जिससे बांझपन की शिकायत तक हो सकती है। गैस्ट्रिकट्रवल भी हो सकता है। हार्ट सम्बंधी प्रावलम्ब में या बाइपास सर्जरी वालों को दाहिने हाथ में डंडा लेकर तथा बायाँ पैर टिकाकर रखने से काफी फायदा होता है। सिर के ऊपर तथा नीचे हाथ रखकर सोने की आदत होने से गैस की शिकायत हो जाती है | शुभ-विवाह सम्पन्न इस तरह हम अपनी छोटी-छोटी बुरी आदतों में परिर्वतन करके तथा कुछ अच्छी आदतों को अपनाकर बिना किसी दवा व खर्च के अपने स्वास्थ्य को उन्नत बनाये रख सकते हैं। कार्ड पैलेस, सागर (म.प्र.) सेठी, कटारिया ट्रांसपोर्ट लिमिटेड के श्री रूपचंद जी कटारिया व उनके भाई, सुप्रसिद्ध कोठारी परिवार के श्री सी.पी. कोठारी, मुनिभक्त श्री शिखरचंद जी पहाड़िया, मुनिभक्त श्री गजराज जी गंगवाल आदि प्रतिष्ठित महानुभावों ने आगरा पधारकर वर-वधू को अपना स्नेहाशीष प्रदान किया एवं उनके मंगलमय वैवाहिक जीवन की कामना की। U सुलैना के अवसर पर आर. के. मार्बल परिवार की ओर से विपुल धनराशि विभिन्न मंदिरों को प्रदान की गई। जिसमें से २१००० रूपये की राशि 'सर्वोदय जैन विद्यापीठ' को प्राप्त हुई। 'सर्वोदय जैन विद्यापीठ' परिवार, वर-वधू के मंगलमय धार्मिक जीवन की कामना करता है । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524294
Book TitleJinabhashita 2005 02 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2005
Total Pages52
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size5 MB
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