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लाभ उठा सके। वर्तमान में 'कुण्डलपुर' तीर्थस्थल जाने के लिए यात्रियों को दमोह से बस के द्वारा लगभग 35-40 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है। ज्ञात जानकारी के अनुसार पश्चिम मध्य रेल जोन के अंतर्गत जबलपुर से पन्ना, व्हाया दमोह होकर नई रेललाइन का 2000-01 में सर्वे कार्य संपन्न हुआ है। Reconnaissance Engineering-cumTraffic Survey के रूप में 1676 एम. एम. वाली एवं 'ई' स्टेण्डर्ड कन्सट्रक्शन वाली 246.350 कुल लम्बाई युक्त, टोपो शीट नं. 55 एम/5, 55 एम / 9, 54 पी / 12 में हुए सर्वे के अनुसार दमोह से पन्ना रेललाइन चंदौरा, बिलाई, लुहरी एवं हटा होते हुए . आगे जाएगी। यह लाइन कुण्डलपुर तीर्थ से चंद किलोमीटर दूर से होकर गुजरेगी। अतः आपसे करबद्ध निवेदन है कि इसका पुनः सर्वे कराकर इस लाइन को दमोह से कुण्डलपुर होते हुए निकाला जाए, जिससे तीर्थयात्रियों को रेलसुविधा उपलब्ध हो सके। इससे पटेरा तहसील के निवासियों को भी लाभ प्राप्त होगा एवं रेल्वे के यात्रियों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे निश्चितरूप से रेल्वे की आय में बढ़ोत्तरी होगी ।
अतः, भारतवर्ष की एककरोड़ की जैनआबादी आपसे निवेदन करती है कि इस कार्य को शीघ्रतातिशीघ्र पूर्णकर अनुग्रहीत करें। आपके द्वारा इस विषय में की गई कार्रवाई की एक प्रति हमें भी उपलब्ध हो, ऐसी अपेक्षा है।
धन्यवाद ।
प्रति,
आपका ही
जबलपुर-कोटा एक्सप्रेस का नाम दयोदय एक्सप्रेस हो
माननीय श्री लालूप्रसाद यादव जी
केन्द्रीय रेलमन्त्री
रेल मन्त्रालय, रेल भवन, नई दिल्ली- 110001
विषय- 1469-1470, जबलपुर-कोटा एक्सप्रेस का नाम 'दयोदय एक्सप्रेस' रखने एवं उसे कोटा से आगे जयपुर तक बढ़ाए जाने बावत्।
मान्यवर,
भारतीयजनता को अधिक सुविधायुक्त एवं आरामदायक सेवा प्रदान करने के लिए भारतीय रेल निरन्तर प्रयासरत है। जबलपुर (म.प्र.) से - कोटा (राजस्थान) के बीच प्रतिदिन 1469-1470 एक्सप्रेस ट्रेन सेवारत है। यह ट्रेन जबलपुरकटनी-दमोह- सागर-बीना- गुना- रुठियाई - बारां-कोटा के निवासियों को रेल-सुविधा प्रदान कर रही है।
मध्यभारत में जीवदया के मसीहा आचार्य श्री 108 विद्यासागरजी महाराज अपने करोड़ों अनुयायियों को गौ-रक्षा, जीव - कल्याण, पर्यावरण-संरक्षण के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इसके फलस्वरूप उनकी प्रेरणा से मध्यभारत में 100 से अधिक गौशालाएँ जीव-रक्षा के उद्देश्य को लेकर संचालित की जा रही हैं। इन गौशालाओं को 'दयोदय' के नाम से पहचाना जा रहा है। 'दयोदय' यानी जो अपने अन्दर 'दया का उदय'- प्राणिमात्र के कल्याण की कामना शाब्दिक अर्थ को समाहित किए हुए है। इस अंचल में 'दयोदय' शब्द वर्तमान में गायों एवं मूक- पशुओं के प्रति दया के भाव का परिचायक/ पहचान बन गया है। ‘दयोदय' पशु संवर्धन एवं पर्यावरण केन्द्र के नाम से एक वृहद् गौशाला संचालित है तथा जबलपुर कोटा मार्ग के अनेक ग्राम-नगरों में भी 'दयोदय' नाम से गौशालाएँ संचालित हो रही हैं ।
इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए आपसे निवेदन है कि भारत की अहिंसा प्रधान संस्कृति को एक और नया आयाम प्रदान करते हुए 1469-70 जबलपुर-कोटा एक्सप्रेस का नाम 'दयोदय एक्सप्रेस' रखने का कष्ट करें ।
इसी के साथ यह भी निवेदन है कि इस ट्रेन को, जो अभी जबलपुर से कोटा तक संचालित हो रही है, आगे जयपुर (राजस्थान) तक बढ़ाया जाए। इस संबंध में आपके द्वारा की गई कार्रवाई की एक प्रति हमें भी उपलब्ध हो सके, ऐसी आपसे अपेक्षा है।
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धन्यवाद ।
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भवदीय
दिसंबर 2004 जिनभाषित 29
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