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की प्राप्ति आवश्यक है।
सुफल होता है कि वह पूर्व-बद्ध तीव्र अनुभाग और अधिक सम्यग्दर्शन की प्राप्ति होने पर नरक, तिर्यंच और मनुष्य
स्थिति वाले कर्मों को मन्द अनुभाग और अल्प स्थिति गति का आयु-बन्ध न होकर देवगतिका आयु-बन्ध होता
वाला कर देता है। अतः, प्रत्येक विवेकी पुरुष को प्रतिदिन है। यदि मिथ्यात्वदशा में आयु-बन्ध नरकादि गतियों का
अपने द्वारा किये गये पाप-कर्मों की आलोचना, निन्दा और हो भी गया हो, तो सातवें नरक की 33 सागर की भी आयु
गर्दा करते रहना चाहिए। सम्यक्त्वी पुरुष के आत्म-निन्दा घटकर प्रथम नरक की रह जाती है। नरक-आयु की इतनी
और गर्दा ये गुण माने गये हैं। इनके द्वारा ही अविरतअधिक कमी कैसे होती है? इसका उत्तर यह है कि सम्यक्त्वी
सम्यक्त्वी पुरुष भी प्रतिसमय असंख्यात-गुणी कर्म-निर्जरा जीव प्रतिदिन प्रतिसमय जो अपने किये हए खोटे कार्य की
करता रहता है। निन्दा, गर्हा और आलोचना किया करता है, उसका ही यह | 'श्रावकाचार संग्रह' (चतुर्थभाग) की प्रस्तावना से साभार
धवला (प्रथम पुस्तक) के अंग्रेजी | नारेली में भूमि पूजन एवं शिलान्यास समारोह सम्पन्न अनुवाद का लोकार्पण
__ अजमेर, 2 दिसम्बर 04 परमपूज्य संत शिरोमणि श्रवणबेलगोल/खतौली श्री दिगम्बर जैन मूल आगम
आ. 108 श्री विद्यासागर जी महाराज के सुशिष्य ग्रन्थ षट्खण्डागम की टीका धवला (प्रथम पुस्तक) के
तीर्थोद्धारक, वास्तुविज्ञ, मुनिपुंगव 108 श्री सुधासागर अंग्रेजी अनुवाद का लोकार्पण भट्टारक श्री चारूकीर्ति
जी महाराज की पावन प्रेरणा एवं आशीर्वाद से सुसंस्थापित के सान्निध्य में कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले
श्री अ.भा. बहुउद्देशीय नवोदित विकासोन्मुख श्री दिगम्बर (यू.एस.ए.) में ऐमरिटस प्रोफेसर प्रो. पद्मनाभ एस.
| जैन ज्ञानोदय तीर्थक्षेत्र की पावनधरा पर विशाल प्रांगण
में आज"श्री राजेन्द्र नाथूलाल जैन मेमोरियल चेरिटेबल जैनी ने किया। समारोह की अध्यक्षता डॉ. हम्पा नागराजैय्या पूर्व अध्यक्ष कन्नड़ साहित्य परिषद ने की।
ट्रस्ट सूरत द्वारा ज्ञानोदय वानप्रस्थ आश्रम", श्रेष्ठी श्री
सोभागमल राजेन्द्र कुमार, रोहनकुमार कटारिया परिवार मुख्य अतिथि श्री एन. के. जैन, चीफ जस्टिस, कर्नाटक हाईकोर्ट तथा श्री वीरप्पा मोइली, पूर्व मुख्यमंत्री, कर्नाटक
अहमदाबाद द्वारा "चैत्यालय एवं कार्यालय भवन" एवं प्रदेश थे। ध्यातव्य है कि धवला का अंग्रेजी अनवा
सकल दिगम्बर जैन समाज, सूरत के अध्यक्ष श्री डॉ. नन्दलाल जैन रीवा और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का सम्पादन
ओमप्रकाश जैन के मार्फत रामनगर दूदू निवासी श्री डॉ. अशोक जैन आई.आई.टी. रुडकी ने किया है।
मोहनलाल रांवका तथा श्री सोभागमल राजेन्द्र कुमार इसका प्रकाशन पं. फूलचन्द शात्री फाउन्डेशन रुड़की
रोहनकुमार कटारिया, अहमदाबाद एवं सोनीपत निवासी और श्रीगणेश वर्णी दिगम्बर जैन संस्थान वाराणसी ने
श्री विनयकुमार राजीव कुमार जैन परिवार अहमदाबाद किया है। 400 से अधिक पृष्ठों में समाहित इस पुस्तक
आदि के पुण्यार्जन से "वातानुकूलित विश्रामगृह' का मूल्य 695/- रुपये है कागज छपाई और बाइन्डिंग
(धर्मशाला) का शिलान्यास एवं भूमिपूजन अशोकनगर अत्यन्त उच्च कोटि के हैं।
के ब्र. प्रदीप जैन के निर्देशन में सम्पन्न हुआ। श्री रतनलाल
कंवरलाल अशोककुमार पाटनी, आर.के.मार्बल्स लि. इसी अवसर पर पं. फूलचन्द्र शास्त्री जन्म-शताब्दी
के मुख्य आतिथ्य एवं श्रीमान् नाथूलाल ज्ञानेन्द्रकुमार समारोह के उपलक्ष्य में पं. फूलचन्द जी शास्त्री के
पदमकुमार, संजय कुमार, नीरज कुमार गदिया परिवार व्यक्तित्व और कृतित्व को दर्शानेवाले ग्रन्थ 'पण्डितजी'
अजमेर निवासी, सुरत प्रवासी के विशेष आतिथ्य में का भी लोकार्पण हुआ। 'पण्डितजी' का सम्पादन डॉ.
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री सोभागमल कटारिया प्रेमचन्द्र जैन नजीबाबाद, डॉ. अशोक जैन रुड़की, डॉ.
अहमदाबाद ने की।
__ हीराचन्द जैन कपूरचन्द जैन खतौली और श्रीमती नीरजा जैन रुड़की ने किया है। इसका प्रकाशन राष्ट्रीय प्राकृत-अध्ययन
सदस्यता हेतु संपर्क करें।
राजस्थान में जिनको भी 'जिनभाषित' का आजीवन/ एवं संशोधना केन्द्र, श्रवणबेलगोला ने किया है। लगभग
वार्षिक सदस्य बनना हो, नीचे लिखे पते पर संपर्क करें/राशि 250 बड़े आकार के पृष्ठों में समाहित इस पुस्तक का
जमा करा सकते हैं :मूल्य 250/- रुपये है। कागज, बाइन्डिंग उच्च कोटि के
श्रीमती प्रतिभा महावीर जैन || हैं। इस अवसर पर उत्तर और दक्षिण के शताधिक
364/बी, वसुन्धरा कालोनी, टोंक रोड, जयपुर विद्वान् उपस्थित थे। डॉ. ज्योति जैन
फोन नं. - 5105191, 2704779
दिसंबर 2004 जिनभाषित 17
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