SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 24
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ बनती है। जिलेटिन हड्डियों, खुरों, पशुओं के उत्तकों को उबालकर प्राप्त होता है। इसे पशुओं आदि की झिल्लियों आदि से भी प्राप्त किया जाता है। 22.शहद : इसे प्राप्त करने के लिए हजारों मधुमक्खियों को निचोड़ दिया जाता है। मधु में मिलाकर देशी दवा लेने का विकल्प चासनी उपलब्ध है। 23. हाथी दांत : हाथीदांत से कीमती आभूषण एवं खिलौनों के लिए जहर देकर हाथियों को मार दिया जाता । 24. ब्रश : कई किस्म के रंगाई के ब्रश, शेविंग ब्रश, हेयर ब्रश, कलाकारी ब्रश बनाने के लिए सुअर की भौहें, पलकें और शरीर के बालों को नोंच लिया जाता है। 25. कस्तूरी : इत्र, फुलेल आदि सुगंधित पदार्थ बनाने के लिए कस्तूरी प्राप्त करने के लिए कस्तूरी मृग मार दिये जाते हैं। 26. फर की टोपी या वेशभूषा : कराकुल शिशु की खाल टोपियां या अन्य वेशभूषा बनाने के लिए काम आती है । कराकुल भेड़ को बेंतों से सूता जाता है ताकि उसे गर्भपात हो जाये और कसाइयों को वक्त से पहले कराकुल भ्रूण मिल जाये। इसकी खाल बहुत मंहगे दामों में बेची जाती है। 27. लिपिस्टिक: मधुमक्खियों को छत्तों से भगा दिया जाता है और हजारों की संख्या में उन्हें मार दिया जाता है। इनके छत्तों से मोम प्राप्त होता है। जिसे लिपिस्टिक के उत्पादन में उपयोग लिया जाता है। लिपिस्टिक में चमक लाने के लिए सुअर की चर्बी मिलाई जाती है। 28. नेल पॉलिश : इसमें जानवरों का खून मिलाया जाता है। 22 अगस्त 2004 जिन भाषित 29. भालू के 2 से 4 दिन के शिशु को मारकर उसकी खाल की टोपियां बनाई जाती हैं। असंख्य खरगोशों को मारकर फर के थैले बनाये जाते हैं। Jain Education International 30. गर्भ निरोधक गोलियां खाने से, भ्रूण हत्या करने से केन्सर हो सकता है। घी के बाजार में कृत्रिम घी उत्पादन की बहुलता सिंथेटिक दूध और पनीर के बाद अब सिंथेटिक घी बाजार में मिल रहा है। 80 प्रतिशत बाजार में सिंथेटिक घी ने कब्जा कर रखा है। इसमें जानवरों की चर्बी, रिफाईंड तेल आदि का मिश्रण, शुद्ध घी की सुबास के लिए जर्मन से आयात कृत्रिम ऐसेन्स डाला जाता है। घी में कुछ प्रतिशत रसायन कीटनाशक का समावेश है, ये सब स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं। 31. सरकार द्वारा आजकल शाकाहारी वस्तुओं पर हरा निशान व मांसाहारी वस्तुओं पर भूरा निशान लगाया जाता है। अतः प्रयोग करने के पूर्व अवश्य जांच लें। 32. ठण्डा मतलब जानलेवा : बोतल बन्द पानी में कीटनाशकों की मौजूदगी के बाद अब यह खुलासा हुआ है कि गर्मी से राहत दिलाने वाले सभी शीतल पेय बंद बोतलें जानलेवा है- कई बोतलों में तो अन्तर्राष्ट्रीय मानकों की तुलना में कीटनाशकों की मात्रा 70 गुना तक अधिक पाई गई है। जैसे - मिरिन्डा लेमन में 70 गुना, कोकाकोला में 75 गुना, फैन्टा में 43 गुना, पेप्सी में 37 गुना, सेवन अप में 33 गुना, लिम्का में 30 गुना, बटर पेप्सी में 25 गुना, थम्सअप में 22 गुना, डाइट पेप्सी में 14 गुना, स्पाइट में 11 गुना अधिक कीटनाशक पाये गये। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह कि कोकाकोला व पेप्सी में सिर्फ भारत में बेची जाने वाली कोल्ड ड्रिंक्स में ही ये कीटनाशक पाये गये जबकि अमेरिका में उपलब्ध पेय पदार्थों में कीटनाशक की मात्रा एकदम शून्य थी। अतः अब हमें विदेशी कम्पनियों द्वारा निर्मित पेय पदार्थों का पूर्णतः बहिष्कार करना चाहिए और स्वनिर्मित दही, लस्सी, छाछ, जूस आदि का प्रयोग करना चाहिए । रांटा का परांठा बस स्टैण्ड, केकड़ी (राज.) For Private & Personal Use Only श्रीमती प्रतिभा देशभाने उस्मानाबाद www.jainelibrary.org
SR No.524288
Book TitleJinabhashita 2004 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2004
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy