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________________ एवं 504 के तहत इस न्यायालय में पेश किया था। वकील आलोक जोहरी के जरिये पेश इस इस्तगासे में वर्णित है कि वर्ष 2002 में प्रार्थीगण व अन्य जैन धर्मावलंबियों व चांदखेड़ी मंदिर समिति की सहायता से चांदखेड़ी खानपुर स्थित अतिशय क्षेत्र में जीर्णोद्धार के कार्य का जैन पुरातत्व महत्व की मूर्तियों, शिलालेखों व स्तंभों को जो कि वर्षा से, प्राकृतिक आपदाओं, पानी, सीलन, धूप व अन्य प्रकार के अविनय से बचाने की मंशा से, उन्हें संरक्षित करने का कार्य किया, जिसकी सर्वत्र प्रशंसा हुई और चांदखेड़ी जैन तीर्थ का नाम दुनिया भर में जाना जाने लगा। इस्तगासे में आगे दर्ज है कि मुलजिम नं. 1 मिलापचंद जैन द्वारा पुरातत्व के विध्वंस की कहानी पत्रिका का संपादन किया जाता है। इन सहित सभी मुलजिमानों ने जीर्णोद्धार को लेकर जैन धर्मावलंबियों में यह भ्रांतियाँ फैलाने का प्रयास किया गया कि मंदिर में पुरातत्व महत्व की वस्तुओं के साथ तोड़फोड़ की गयी और इस तरह के आरोप लगाकर जैन श्रद्धालुओं व धर्मावलंबियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई। जिसका संस्था द्वारा समय-समय पर समुचित स्पष्टीकरण दिया जा चुका है, लेकिन फिर भी मुलजिमान अवैध कार्यवाहियों से बाज नहीं आ रहे हैं। फरियादीगण ने वर्णित किया है कि मुलजिमान ने 6.2.02 को एक झूठी शिकायत पुरातत्व विभाग को भी की तो विभाग द्वारा 15.2.02 को जांच अधिकारी नियुक्त कर वस्तु स्थिति की जांच करवाई गई और फिर विस्तृत तहकीकात के बाद जांच अधिकारी ने 6.3.02 को अपनी रिपोर्ट पेश कर सभी आरोपों को गलत करार दिया बल्कि यह भी टिप्पणी की कि जीर्णोद्धार कार्यक्रम में पुरातत्व महत्व के मान स्तम्भ के 52 जिनालय को इस जीर्णोद्धार डॉ. विद्यार्थी व कमल जी का भावभीना सम्मान से और सुरक्षित व संरक्षित कर दिया गया है। इस रिपोर्ट को प्राप्त करने के पश्चात् भी अभियुक्तों ने दुर्भावनापूर्वक सार्वजनिक रूप से अखबारों में रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया व अभिव्यक्ति कर जनता की धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास किया। इसके बाद अपनी पत्रिका में खुली आलोचना की और लेख छाया चित्र प्रकाशित कर इसको वितरित किया। जिससे प्रार्थीगण व जैन धर्मावलंबियों को काफी टेस पंहुची और अपमान महसूस किया 1 अभियुक्तों का यह कृत्य भारतीय दण्ड संहिता के तहत दण्डनीय अपराध बताते हुये फरियादीगण ने इनको सजा देने की मांग की तो न्यायाधीश द्वारा मामले की गहन जांच के लिये दादाबाड़ी थाने को समूचा प्रकरण भिजवाने का आदेश दे दिया। फरियादीगण की ओर से पैरवी आलोक जौहरी और सतीश पचोरी अधिवक्ताओं ने की। 30 तुषारकांत विद्यार्थी राष्ट्रपति शौर्य पदक से विभूषित छतरपुर मध्यप्रदेश पुलिस के उप पुलिस अधीक्षक इंजी. अक्टूबर 2003 जिनभाषित तुषारकांत विद्यार्थी का भोपाल में 15 अगस्त 03 को संपन्न स्वतंत्रता दिवस समारोह में उनके अदम्य साहस एवं उत्कृष्ट सेवाओं के लिए देश के सर्वोच्च पुलिस सम्मान राष्ट्रपति शौर्य पदक से सम्मानित किया गया। गौरतलब है कि यह सर्वोच्च पुलिस अलंकरण कई वर्षों बाद मध्यप्रदेश के इकलौते पुलिस अधिकारी के रूप में छतरपुर (म.प्र.) निवासी तुषारकांत विद्यार्थी को मिला है। ग्वालियर जिले के डबरा में एस.डी.ओ.पी. के रूप में पदस्थ श्री विद्यार्थी जैन समाज के जाने माने विद्वान, पूर्व विधायक एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. डॉ. नरेन्द्र विद्यार्थी एवं से. नि. प्राध्यापक व समाज सेविका डा. श्रीमती रमा जैन के सुपुत्र हैं I भोपाल के लालपरेड ग्राउण्ड में स्वतंत्रता दिवस के भव्य एवं गरिमामयी समारोह में म.प्र. के मुख्य मंत्री श्री दिग्विजय सिंह ने श्री विद्यार्थी को राष्ट्रपति शौर्य पदक लगा कर देश के सबसे बड़े पुलिस अलंकरण से नवाजा। इस अवसर पर अनेक राजनेता, पुलिस महानिदेशक म.प्र. श्री दिनेश जुगरान सहित अनेक उच्च प्रशासनिक अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। श्री विद्यार्थी अब तक अनेक दुर्दान्त ईनामी दस्यु सरगनाओं को अत्यन्त साहसिक मुठभेड़ में धराशायी कर चुके हैं, तथा 25 से ज्यादा खूंखार दस्यु सरगनाओं को पकड़ चुके हैं। इन दस्यु सरगनाओं का ग्वालियर चम्बल क्षेत्र में अत्यधिक आतंक एवं भय व्याप्त रहता था, जिसे श्री विद्यार्थी ने अनेक बार अपनी जान की बाजी लगा कर इन दस्युओं का सफाया कर या पकड़कर दूर किया। इंजी. शिखर चंद जैन अध्यक्ष जैन समाज, छतरपुर (म.प्र.) Jain Education International छतरपुर। प्रसिद्ध आध्यात्मिक जैन संत पूज्य गणेश प्रसाद जी वर्णी की 121 वीं जयंती श्री सिद्धक्षेत्र द्रोणगिरि में द्रोण प्रांतीय नवयुक संघ, द्रोणगिरि के तत्वाधान में अत्यंत भव्यता व गरिमा के साथ मनाई गई। इस प्रसंग पर वर्णी साहित्य के लेखक संपादक एवं कर्मठ समाज सेवियों डॉ. नरेन्द्र विद्यार्थी एवं स्व. श्री कमल कुमार जैन (मरणोपरांत) का भावपूर्ण सम्मान किया गया। साथ ही क्षेत्र के मेधावी विद्यार्थियों का अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में डॉ. नरेन्द्र विद्यार्थी एवं डॉ. रमा जैन द्वारा संपादित 'मेरी जीवन गाथा' के दूसरे संस्करण का विमोचन संघ की स्मारिका के साथ किया गया। सेवक चंद जैन, बड़ामलहरा, छतरपुर (म.प्र.) जैन युवा सम्मेलन संपन्न शिवपुरी, धार्मिक संस्था 'सन्मति यूथ क्लब समिति' (रजि.) द्वारा आयोजित 'जैन युवा सम्मेलन' विभिन्न घोषणाओं एवम् क्रियाकलापों के बीच 7 सितम्बर 2003 को मानस भवन, गांधी पार्क, शिवपुरी में संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम शिवपुरी के समस्त जैन भाई, बहिनों के लिये था। क्लब के संयोजक संजय For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524278
Book TitleJinabhashita 2003 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2003
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size5 MB
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